नई दिल्लीः हाल ही में 'जेएएचए: जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन.' जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, काम से निकाले जाने से जुड़े डर और चिंताओं के कारण चार साल के भीतर ही ब्लड प्रेशर बढ़ने की आशंका हो सकती हैं.


कैलिफोर्निया के कृषि क्षेत्र से जुड़ी मैक्सिकन की महिलाओं पर चार साल तक रिसर्च की गई. रिसर्च में देखा गया कि काम से निकाले जाने की चिंता उच्च रक्तचाप के विकास के जोखिम को दोगुना कर देती है.


शोधकर्ताओं ने 39 साल के आसपास की 572 महिलाओं को शामिल किया, इनमें से 99 फीसद महिलाओं का जन्म मैक्सिको में हुआ था. ये महिलाएं कैलिफोर्निया के सेलिनास घाटी क्षेत्र में कृषि क्षेत्र से जुड़ी थीं.


कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को में प्रमुख लेखक जैकलीन एम. टोरेस ने कहा कि हमारी रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि इमिग्रेशन पॉलिसी के बारे में चिंताओं के कारण महिलाओं और उनके परिवारों के हृदय स्वास्थ्य पर लंबे समय तक के नकारात्मक प्रभाव देखे गए.


रिसर्च में ये भी पाया गया कि चार साल में निकाले जाने की चिंता और हाई बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और कमर के नाप के बीच सहयोग में कोई बदलाव नहीं आया. मूल्यांकन के दौरान देखा गया कि में जिन 408 महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं थी, उनमें से अधिक चिंता करने वाली महिलाओं में ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना दोगुनी थी.


शोधकर्ताओं ने आगाह किया कि लोगों में काम से निकाले जाने का डर खत्म होना चाहिए. अन्यथा उन्हें हाई ब्लड प्ररेश जैसे हृदय संबंधी जोखिम हो सकते हैं.


ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.