स्ट्रेस बढ़ते ही लड़का और लड़की का दिल कैसा बर्ताव करता है? ये बात इस स्टडी ने बता दी
लड़का (मेल) या लड़की (फीमेल) को अगर किसी बात पर स्ट्रेस होता है तो वह एक दूसरे से काफी ज्यादा अलग रिएक्शन देते हैं. ये बात एक स्टडी में सामने आई है.
ये दिलचस्प सवाल है कि स्ट्रेस यानी टेंशन बढ़ने पर दिल कैसे रिएक्ट करता होगा? इससे भी ज्यादा दिलचस्प ये है कि क्या दिल भी मेल-फीमेल के हिसाब से अलग रिएक्शन देता है. 'साइंस एडवांसेज' में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक दिल के मामले में लड़का- लड़की एक दूसरे से काफी अलग है. दरअसल, इस रिसर्च में साफतौर पर कहा गया है कि जब भी किसी लड़का या लड़की को किसी बात पर स्ट्रेस होता है तो वह एक दूसरे से काफी ज्यादा अलग रिएक्शन देते हैं. लड़का या लड़की को किसी भी चीज को लेकर स्ट्रेस होता है तो उस वक्त स्ट्रेस वाले हार्मोन नोरड्रेनलाइन पर दोनों अलग-अलग रिएक्शन देते हैं. यह रिसर्च सबसे पहले एक चूहा पर किया गया. जिसमें इस तरह का फर्क देखा गया.
स्ट्रेस के वक्त लड़का या लड़का का दिल नापने के लिए इस मशीन का किया गया यूज
इस रिसर्च टीम ने एक खास तरह की fluorescence इमेजिंग सिस्टम बनाया है. जिसमें एक लाइट की मदद से यह देखा गया कि एक चूहा जब किसी परेशानी, मुश्किल या स्ट्रेस में होता है तो उसके स्ट्रेस हार्मोन और दिल किस तरह का रिएक्शन देता है. इसे न्यूरोट्रांसमीटर से मापा गया. इस रिसर्च के दौरान चूहों को नोरएड्रेनालाईन के संपर्क में लाया गया था, जिसे नोरेपीनेफ्राइन भी कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नॉरएड्रेनालाईन शरीर की लड़ाई या उड़ान के दौरान रिएक्शन देने वाला एक ट्रांसमीटर है जिसे न्यूरोट्रांसमीटर भी कह सकते हैं. और इसमें हार्मोन के रिएक्शन भी देखें जाते हैं.
दिल के मामले में भी आदमी- औरत एक दूसरे से काफी अलग: रिसर्च
इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि स्ट्रेस हार्मोन जैसे ही एक लड़का या लड़की के शरीर में बढ़ता है तो दोनों एक दूसरे से काफी अलग रिएक्शन देते हैं. इसे साबित करने के लिए इस रिसर्च में एक मेल चूहा और एक फीमेल चूहा लिया गया. इस मशीन के जरिए देखा गया कि जब मेल और फीमेल चूहा में स्ट्रेस हार्मोन के संपर्क में आया तो उनका कुछ मीनट दोनों को रिएक्शन बड़ा ही नॉर्मल था लेकिन कुछ समय बाद आदमी की तुलना में महिला के दिल की गति तेजी से बढ़ने लगी और फिर एक टाइम के बाद नॉर्मल हो गई. फीमेल चूहा के दिल की गति बिल्कुल बिजली की तरह एकदम तेजी से बढ़ी और फिर एक टाइम के बाद नॉर्मल हो गई.
रिसर्चर के मुताबिक
इस पूर रिर्सच की राइटर जेसिका एल. कैल्डवेल हैं. कैलडवेल यूसी डेविस स्कूल ऑफ मेडिसिन डिपार्टमेंट ऑफ फार्माकोलॉजी में पोस्टडॉक्टोरल स्कॉलर हैं. जेसिका एल. कैल्डवेल के मुताबिक स्ट्रेस होने पर पुरुष और महिला के दिल की धड़कन बिजली की तरह तेजी से धड़कने लगती है. लेकिन एक टाइम के बाद रीसेट हो जाती है. और लेकिन पुरुषों का दिल काफी टाइम तक नॉर्मल नहीं हो पाता है.
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