लड़ाई-झगड़ा करना किसे पसंद होता है. लेकिन कहते हैं हर दिन का मू़ड एक जैसा नहीं होता है. आज हम आपको ऑफिस में अपने साथ काम करने वालों के साथ लड़ाई के साइड इफेक्ट्स के बारे में विस्तार से बताएंगे. मूड किस बात पर खराब हो जाए वह किसी को पता नहीं होता है. हाल ही में वर्कप्लेस और ऑफिस को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. इस रिसर्च के मुताबिक अपने ऑफिस कलिग से लड़ाई करना भारी पड़ सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं इसके कारण आपको काफी ज्यादा स्ट्रेस, परेशानी, वर्कलोड जैसी समस्याएं हो सकती है.
वर्कप्लेस पर अगर साथ में काम करने वाले से लड़ाई हो जाए तो इसके कई सारे गंभीर साइड इफेक्ट्स होते हैं. आपको इसके कारण कई सारी मेंटल हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम हो सकती है. उच्च जोखिम वाले व्यवसायों में काम करने वाले कर्मचारियों में कम जोखिम वाले व्यवसायों की तुलना में तनाव विकसित होने की अधिक संभावना होती है.
एक इंसान अपने जिंदगी का लगभग 90,000 घंटे वर्कप्लेस पर बिताता है
औसत इंसान अपने जिंदगी का लगभग 90,000 घंटे वर्कप्लेस पर बिताता है.यह आपकी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण वक्त हो सकता है. एक इंसान काम करने से ज्यादा और कई भी चीज उतनी खुशी नहीं दे सकती है. लेकिन यह गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है. यह जानना महत्वपूर्ण है कि काम से संबंधित मानसिक समस्याओं से कैसे निपटा जाए ताकि आप काम पर पूरा फोकस कर सकें.
मेंटल हेल्थ पर काम का असर
खराब वर्कप्लेस का सीधा असर आपकी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. आप फिर धीरे-धीरे नेगेटिव होने लगते हैं. खराब नौकरी प्रदर्शन, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और खराब संचार जैसी चीजों की ओर ले जाता है. जो निराशा और तनाव का कारण बनता है.कार्यस्थल पर तनाव के कारण खराब मानसिक स्वास्थ्य उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों जैसी कई गंभीर चिकित्सा स्थितियों का कारण बन सकता है.
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