हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में स्क्रब टाइफस से पहली मौत की खबर मिली है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में स्क्रब टाइफस के इलाज के दौरान पंथाघाटी इलाके के 91 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है.
स्क्रब टाइफस के लक्षण
स्क्रब टाइफस एक संक्रामक बीमारी है जो Orientia tsutsugamushi नामक माइट जीवाणु के कारण होती है. यह लार्वा माइट्स के काटने से लोगों में फैलती है. शरीर पर इसके शुरुआती लक्षण कुछ ऐसे दिखाई देते हैं जैसे चकत्ते, बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और अन्य समस्याएं होती हैं.
हॉस्टिपटल के अधिकारियों ने बताया कि 2 अगस्त को स्क्रब टाइफस से संक्रमित पाए जाने के बाद से इलाज के दौरान इस व्यक्ति की बुधवार को मौत हो गई. शिमला के आईजीएमसी में अब तक स्क्रब टाइफस के 44 मामले सामने आ चुके हैं. हमीरपुर में स्क्रब टाइफस का एक मामला सामने आने के बाद जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को खेतों में काम करते समय अपने शरीर को ढक कर रखने और बुखार होने पर नजदीकी चिकित्सा सुविधा पर जाने की सलाह दी है.
कुछ ऐसे पूरे शरीर में फैलती है ये बीमारी
यह बीमारी बैक्टीरिया से होने बीमारी है. यह पिस्सु के काटने के 10 दिन बाद शरीर पर दिखाई देती है. अगर किसी व्यक्ति को इसने काट लिया है तो उसे ठंड लगने के साथ बुखार लगेगी. इसके अलावा सिरदर्द और बदन दर्द की शिकायत हो सकती है. मांसपेशियों में भी तेज दर्द हो सकता है.
संक्रमण होने पर हाथ-पैर, गर्दन और कूल्हे के नीचे गिल्टियां हो सकती है. साथ ही संक्रमण फैलने के साथ सोचने-समझने की शक्ति पर भी गंभीर असर होता है. शरीर पर दाने भी निकलने लगते हैं. अगर वक्त रहते इलाज नहीं करवाया जाएगा तो यह गंभीर और जानलेवा बन सकती है. इसके कारण ऑर्गन फेलियर और इंटरनल ब्लीडिंग की शिकायत हो सकती है.
किन राज्यों में जारी किया गया है एलर्ट
महाराष्ट्र, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और स्क्रब टाइफस को लेकर एलर्ट जारी किया गया है. इस बीमारी को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है. इस मौसम में अपने हाथ-पैर ढककर रखें. स्क्रब टाइपस से बचना है चो सबसे जरूरी हैं कि अपने आसपास घास और झाड़ियां न बढ़ने दे. साफ-सफाई का खास ध्यान रखें. शरीर को साफ रखें और साफ कपड़े पहनें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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