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ब्लड कैंसर के लिए अब हो सकेगी लिक्विड बायोप्सी!
नई दिल्लीः शोधकर्ताओं ने अब ब्लड कैंसर के लिए दुनिया की पहली लिक्विड बायोप्सी को डवलप किया है जो कि कम समय में ज्यादा सटीक और अधिक प्रभावी होगी.
कैसे काम होगा इस पर-
ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं द्वारा डवलप की गई है. ऑस्ट्रेलिया के पीटर मैककॉलम कैंसर सेंटर में डीएन के छोटे-छोटे सैंपल्स को मोनिटर किया जाएगा. ये डीएन सैंपल ब्लड स्ट्रीम में मौजूद कैंसर सेल्स से लिए जाएंगे जिसके सर्कुलेटिंग ट्यूमर डीएनए (ctDNA) के नाम से जाना जाता है.
क्या है लिक्विड बायोप्सी के फायदे-
ये स्टडी बताती है कि क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया और माईलोडीसपलासटिक सिंड्रोम के क्लीनिकल केस में कैसे लिक्विड बायोप्सी का इस्तेमाल किया जाएगा.
ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट से उलट सर्कुलेटिंग ट्यूमर डीएनए (ctDNA) टेस्ट् बॉडी से डिजीज का स्टेटस बताता है. साथ ही इसे कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि मरीज पर्टिकुलर थेरेपी के दौरान रिस्पॉरन्स देना बंद कर दे तो इसका रैपिड एडजेस्टमेंट भी किया जा सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
पीटर मैककॉलम कैंसर सेंटर की साराह जेन डाउसन का कहना है कि ब्लड कैंसर के लिए दुनिया के पहले ctDNA टेस्ट से ब्लड कैंसर का इलाज करना ना सिर्फ आसान होगा बल्कि जैसे-जैसे ये डवलप होगा ये ट्रीटमेंट का और भी आसान बनाएगा.
इस बायोप्सी के जरिए पेशेंट को भी सही तरह से समझ आएगा कि कैंसर का ट्रीटमेंट कैसे वर्क कर रहा है. सटीक कैंसर ट्रैकर्स के लिक्विड बायोप्सी के आने से हेल्थ सिस्टम में भी कम लागत आएगी.
ये रिसर्च नेचर कम्यूनिकेशन एंड ब्लड में पब्लिश हुई थी.
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