लंदन: जिन लोगों को देखने में दिक्कत होती है उन लोगों के लिए खुशखबरी है. जी हां, शोधकर्ताओं ने एक सॉफ्ट टिश्यू आर्टिफिशियल रेटिना का विकास किया है. अब तक केवल हार्ड एलिमेंट्स से ही आर्टिफिशियल रेटिना का विकास किया जाता रहा है. यह पहली बार हुआ है जब लैब में बायलोजिकल आर्टिफिशियल टिश्यू का सफल इस्तेमाल किया गया है.
ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के इस अध्ययन से बीओनिक ट्रांसप्लांट इंडस्ट्री में क्रांति आ सकती है.
वैनेसा रेस्ट्रेपो-स्चिल्ड की अगुवाई में किए गए इस अध्ययन में कृत्रिम, दोहरे स्तर वाले रेटिना का विकास किया गया.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.