Bad Health Habits : खराब लाइफस्टाइल, गड़बड़ खानपान, कई आदतें सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा रही हैं. इनकी वजह से कई क्रोनिक बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं. यही कारण है कि युवाओं को भी डायबिटीज, हार्ट डिजीज और इंफ्लामेशन जैसी बीमारियां अपना शिकार बना रही हैं. ये बीमारियां उम्र को कम करने और समय से पहले मौत का कारण बन सकती हैं. खराब आदतों में ज्यादा देर तक बैठे रहना सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. ये आदत धूम्रपान से भी ज्यादा हानिकारक होती है. इसका पूरी सेहत पर बुरा असर पड़ता है. आइए जानते हैं लॉन्ग सिटिंग हैबिट्स (Long Sitting Habits) सेहत के लिए कितना खतरनाक होता है.
ज्यादा देर तक बैठने के नुकसान
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फिजिकल एक्टिविटी का न होना सेहत के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है. लंबे समय तक बैठे रहने से ये समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो सकती है. दिन में आप जितना देर तक बैठे रहते हैं, हेल्दी लाइफ के लिए वो उतना ही खतरनाक है. इसकी वजह से वजन बढ़ना, डायबिटीज, दिल की बीमारी के बढ़ने का रिस्क रहता है. अगर दिन में 6-8 घंटे लगातार बैठे रहते हैं तो समय से पहले मौत भी हो सकती है.
समय से पहले जा सकती है जान
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अधिक देर तक बैठे रहना या सेंडेंटरी लाइफस्टाल बेहद हानिकारक हो सकता है. इसे समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 13 अध्ययन किए. जिसमें पाया कि ऐसे लोग जो बिना किसी शारीरिक गतिविधि के दिन में 8 घंटे से ज्यादा समय तक बैठे रहते हैं, उनमें मोटापा और समय से पहले मौत का कारण बनने वाली बीमारियों का कतरा ज्यादा हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स,
बताते हैं कि अधिक देर तक बैठे रहने की आदत तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों का सबसे मुख्य कारण है.
ज्यादा देर तक बैठना-लेटना क्यों खतरनाक
कई अध्ययनों में पाया गया है कि लगातार लेटे रहने से बॉडी में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ने का खतरा रहता है. इससे ब्लड शुगर लेवल बढ सकता है. ऐसे ही ज्यादा देर तक बैठे रहने वालों में डायबिटीज का खतरा 112 प्रतिशत ज्यादा होता है. इसकी वजह से दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं. हार्ट डिजीज उन बीमारियों में से एक है, जिसकी वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. लंबे समय तक बैठे रहने से दिल की बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा रहता है. अध्ययन में पाया गया है कि हफ्ते में 23 घंटे से ज्यादा टीवी देखने के लिए बैठे रहने वाले पुरुषों में हार्ट की बीमारियों के होने और उससे मौत का खतरा 64 प्रतिशत अधिक हो सकता है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम भी 147 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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