6 जुलाई के दिन पूरी दुनिया 'वर्ल्ड जूनोटिक दिवस' मनाती है. इस खास अवसर पर जानेंगे ऐसी 5 बीमारियों के बारे में जो जानवरों और कीड़ों से इंसानों में फैलती है. दरअसल जूनोज नाम की इंफेक्शन वाली बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलता है. यह वायरस , बैक्टीरिया, परासाइट और कवक के कारण हो सकते हैं. अगर किसी जानवर को जूनोज इंफेक्शन हो गया है तो वह उसके टॉयलेट, स्किन के जरिए इंसान को भी हो सकता है. यह साल विश्व ज़ूनोज़ दिवस के लिए एक खाल मील का पत्थर है क्योंकि हम पांच ज़ूनोटिक रोगों पर करीब से नज़र डालेंगे. रेबीज़, लाइम रोग, ब्रुसेलोसिस, टॉक्सोप्लाज्मोसिस और हंतावायरस. इनमें से प्रत्येक बीमारी मनुष्यों में गंभीर या यहां तक कि जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली बीमारियों का कारण बनने की क्षमता रखती है. इससे बचने के लिए हमें कुछ खास बातों पर ध्यान देना होगा.
आइए इनमें से प्रत्येक जूनोटिक रोग पर करीब से नज़र डालें:
रेबीज़
रेबीज़ दुनिया की सबसे घातक और सबसे ज्यादा स्पीड में फैलने वाली ज़ूनोटिक बीमारियों में से एक है. यह एक वायरस के कारण होता है जो संक्रमित जानवरों की लार या इंफेक्टेड स्किन के संपर्क में आने से फैलता है. यह आमतौर पर रैकून, स्कंक, लोमड़ियों और चमगादड़ जैसे जंगली जानवरों के काटने से फैलता है. यह वायरस किसी संक्रमित जानवर के मूत्र या मल के संपर्क में आने से भी फैल सकता है. रेबीज के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, भ्रम और दौरे शामिल हैं. यदि इसका समय रहते उपचार न किया जाए तो रेबीज घातक हो सकता है.
लाइम बीमारी
लाइम बीमारी बोरेलिया बर्गडोरफेरी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है जो संक्रमित टिक्स के काटने से फैलता है. लाइम रोग के लक्षणों में बुखार, थकान, जोड़ों का दर्द और तंत्रिका संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं. यदि इलाज नहीं किया जाता है, तो लाइम रोग अधिक गंभीर जटिलताओं जैसे गठिया, हृदय और मस्तिष्क की सूजन और अन्य दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.
ब्रुसेलोसिस
ब्रुसेलोसिस बैक्टीरिया ब्रुसेला एबॉर्टस के कारण होता है जो आमतौर पर संक्रमित जानवरों या उनके अपशिष्ट उत्पादों के संपर्क से फैलता है. यह मनुष्यों में बुखार और फ्लू जैसे लक्षणों के साथ-साथ जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बन सकता है. यदि उपचार न किया जाए, तो ब्रुसेलोसिस अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे प्रजनन संबंधी विकार या यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है.
टोक्सोप्लाज्मोसिस
टोक्सोप्लाज्मोसिस टोक्सोप्लाज्मा गोंडी नामक परजीवी के कारण होता है जो संक्रमित बिल्लियों या उनके अपशिष्ट उत्पादों के संपर्क से फैलता है. टोक्सोप्लाज्मोसिस के लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सूजन लिम्फ नोड्स और सिरदर्द शामिल हो सकते हैं. यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो टोक्सोप्लाज़मोसिज़ अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अंधापन या मस्तिष्क क्षति का कारण बन सकता है.
हंतावायरस
हंतावायरस एक वायरस के कारण होता है जो संक्रमित कृंतकों जैसे चूहों या चुहियों के संपर्क में आने से फैलता है. हंतावायरस के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, मतली, उल्टी और पेट दर्द शामिल हो सकते हैं. यदि इलाज न किया जाए तो हंतावायरस अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे श्वसन विफलता या मृत्यु का कारण बन सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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