पश्चिम बंगाल (West Bengal) के 'बर्दमान मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल' (Burdwan Medical College & Hospital) (बीएमसीएच) से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वहां के डॉक्टर ने एक महिला की खराब हेल्थ कंडिशन की वजह से 18 सप्ताह की प्री मैच्योर डिलीवरी करवाई गई थी. जिसमें जुड़वा बच्चे में से एक बच्चा मृत पैदा हुआ था.  अब 125 दिन बाद उसी महिला ने फिर से दूसरे बच्चे को जन्म दिया है. जोकि बिल्कुल ठीक है.  यह खबर सामने आते ही हर तरफ महिला और ट्विन बच्चे की चर्चा जोर-शोर से हो रही है. रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने 14 नवंबर को दूसरे ट्विन को जन्म दिया है जोकि बिल्कुल ठीक हैं और शनिवार तक महिला को हॉस्पिटल से छुट्टी बी मिल जाएगी. 


इस वजह से किया गया था प्री-मैच्योर डिलीवरी


इंग्लिश पॉर्टल टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक शादी कई साल गुजरने के बाद भी महिला कंसीव नहीं कर पा रही थी. तब उन्होंने मार्च के महीने में कोलकाता के 'आईवीएफ' सेंटर में दूसरे प्रयास के बाद गर्भधारण किया. लेकिन 18वें सप्ताह में शारीरिक दिक्कत और पेट दर्द के कारण उन्हें 11 जुलाई को बीएमसीएस में भर्ती करवाया गया. वहां महिला की शुरुआती जांच में पता चला कि जुड़वा बच्चों में से एक की हार्टबीट गायब है और मां की सर्वाइकल केनाल भी खुल गई है. जिसके बाद डॉक्टर ने बिना वक्त गवाएं पहले ट्वीन का वक्त से पहले डिलीवरी करवाया. ताकि पेट में पल रहे दूसरा ट्विन सुरक्षित रह सके. 


महिला का रखा गया था खास ख्याल


इसी हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती हैं कि महिला के लिए यह प्रेग्नेंसी बेहद महत्वपूर्ण था. हम महिला को निराश करना नहीं चाहते थे. जिसकी वजह से हमें उनके दूसरे जुड़वा बच्चे के जन्म होने तक उन्हें हॉस्पिटल में रखने का फैसला किया ताकि कोई भी दुर्घटना न घटे. इसलिए महिला को हॉस्पिटल में खास निगरानी पर रखा गया था. हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा कि यह बेहद रेयर केस है. साथ ही हमारे लिए किसी अचीवमेंट से कम नहीं है. 


'वुडलैंड्स  हॉस्पिटल' के स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रमुख रंजीत चक्रवर्ती ने कहा, ‘एक बार जुड़वा बच्चों में से एक भी गर्भाशय से बाहर आता है तो सर्वाइकल कैनाल खुल जाता है. जिसके कारण दूसरे जुड़वां बच्चे की बाहर आने की संभावना बढ़ जाती है. पहले ट्विन के जन्म के 125 दिन के बाद दूसरे ट्विन का जन्म हैरान करने वाली बात जरूर है. जुड़वा बच्चों के बीच पिछला वर्ल्ड रिकॉर्ड 90 दिनों का है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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