Micronutrient Deficiency: आयोडिन, विटामिन E और कैल्शियम की कमी से जूझ रही 5 अरब आबादी, जानें भारत का आंकड़ा
एक नए अध्ययन से पता चला है कि भारत में लोग आयरन, कैल्शियम और फोलेट जैसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं. दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी में यह कमी है, जो भारत में ही रहती है.
Micronutrient Deficiency : आयोडिन, विटामिन E और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि दुनिया में करीब 5 अरब से ज्यादा लोग इनकी कमी से जूझ रहे हैं. हमारे देश में तो यह समस्या और भी गंभीर है, क्योंकि पोषक तत्वों की कमी वाले ज्यादातर लोग यहीं रहते हैं.
द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भारत में लोग आयरन, कैल्शियम और फोलेट जैसे जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्वों का भरपूर सेवन नहीं कर रहे हैं. पूरी दुनिया में दो अरब से ज्यादा लोगों में इसकी कमी है. जिसका असर उनकी इम्यूनिटी पर ही नहीं फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है.
क्या कहती है स्टडी
इस स्टडी में 185 देशों में 15 सूक्ष्म पोषक तत्वों के खाने को लेकर अनुमान लगाय गया, जो बिना सप्लीमेंट वाली डाइट पर बेस्ड है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में पाया कि दुनिया की 70% यानी 5 अरब आबादी में आयोडीन, विटामिन-ई और कैल्शियम की कमी है. भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आयोडीन की कमी ज्यादा है, जबकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में जिंक और मैग्नीशियम की कमी है.
भारत के इतने लोगों पर असर
इस स्टडी में बताया गया है कि पौष्टिकता से भरपूर ज्वार और बाजरा जैसे मोटे अनाजों का सेवन अब काफी कम हो गया है. जिसकी वजह से भारत की आबादी पौष्टिकता की कमी का खतरा झेल रही है. अनुमानों में बताया गया है कि दुनिया में पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे 2 अरब लोगों में से एक तिहाई तो सिर्फ भारत में ही रहते हैं. इसका मुख्य कारण खाने में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.
युवाओं में कैल्शियम का सबसे ज्यादा कमी
स्टडी में पता चला है कि 10 से 30 साल की उम्र वालों में कैल्शियम की कमी का खतरा सबसे ज्यादा है. दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में यह समस्या ज्यादा बनी है. पावरफुल फर्टिलाइजर और जहरीले केमिकल्स की वजह से पोषक तत्वों के कम होने के साथ ही अनाज में जहरीले तत्व बढ़ गए हैं.
पिछले 50 सालों में ही चावल में जिंक और आयरन की कमी 33% और 27% तक कम हो गई है. जबकि जहरीले तत्व आर्सेनिक की मात्रा 1493% तक बढ़ गई है. जिसकी वजह से खाने में पौष्टिकता की कमी ही नहीं हो रही, बल्कि सेहत को कई तरह से नुकसान भी पहुंच रहा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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