Urination Problem: पेशाब हमारे शरीर से न सिर्फ अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, बल्कि ये हमारे स्वास्थ्य के बारे में भी ऐसी कई बातों को उजागर करता है, जिन्हें समय पर जानना बहुत जरूरी होता है. इतना ही नहीं, कई बीमारियों को पता लगाने में भी पेशाब हमारी काफी मदद कर सकता है. शरीर में पनपने वाली कई बीमारियों की पहचान पेशाब से की जा सकती है. यही वजह है कि डॉक्टर ज्यादातर अंदरूनी बीमारियों और इन्फेक्शन की जांच के लिए यूरिन टेस्ट कराने की सलाह देते हैं.
पेशाब आपकी हेल्थ के बारे में कई जरूरी सिग्नल्स दे सकता है. बार-बार पेशाब का आना, पेशाब करते वक्त जलन या पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होना आदि जैसे लक्षण दिखाई देने पर आपको काफी सावधान रहने की जरूरत होती है. क्योंकि ये संकेत अपके अंदर पनप रही बीमारियों का संकेत देते हैं. कई लोग खाना खाने के तुरंत बाद पेशाब जाते हैं. आप में से अधिकतर लोगों के साथ भी ऐसा होता होगा. अब सवाल उठता है कि क्या भोजन करने के ठीक बाद पेशाब आना एक कॉमन बात है या ये किसी गंभीर बीमारी या संक्रमण का संकेत है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खाना खाने के तुरंत बाद पेशाब आना किसी भी बीमारी का संकेत नहीं है. कई बार ये कॉमन होता है. जबकि कुछ मामलों में ये डायबिटीज, प्रोस्टेट, किडनी या फिर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण हो सकते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि भोजन में शुगर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से खाना खाने के बाद पेशाब आने लगती है. मीठी चीजों का सेवन आपके यूरिन में एसिड के लेवल को बढ़ा देता है. जिससे बैक्टीरिया आसानी से बढ़ सकते हैं और इंफेक्शन पैदा होने का कारण भी बन सकते हैं.
यूरिन से बीमारी की पहचान कैसे करें?
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादा शुगर वाला भोजन करने से ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है. इसके बढ़ने की वजह से शरीर में पेशाब की मात्रा भी बढ़ जाती है. ज्यादातर मामलों में खाने के ठीक बाद पेशाब आना सामान्य बात हो सकती है. लेकिन तब यह सामान्य बात नहीं होगी, जब कुछ खाते-पीते ही तुरंत आपको टॉयलेट जाने की जरूरत पड़े. ऐसा इसलिए क्योंकि ये किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है. ऐसी स्थिति में आपको तुरंत जांच कराने की जरूरत होगी. अगर आपको दिन में 7-8 बार से ज्यादा पेशाब आता है, तो ये प्रोस्टेट या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के साथ-साथ डायबिटीज का लक्षण हो सकता है.
बार-बार पेशाब आने के क्या हैं कारण?
1. ज्यादा पानी पीना
2. प्रोस्टेट का बढ़ना
3. पेल्विक फ्लोर के मसल्स में कमजोरी
4. स्ट्रोक या न्यूरोलॉजिकल डिज़ीज़
5. किडनी में इन्फेक्शन या किडनी स्टोन
6. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
7. टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज
8. लिक्विड डाइट लेना
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