भारत की संस्कृति पूरे विश्व में अपनी एक अनोखी संस्कृति के लिए जानी जाती है. भारतीय संस्कृति में आयुष का एक खास महत्व है. आयुष प्रणाली में यहां कि सारी चिकित्सा प्रणालियां समाहित है. जैसे- आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, और नेचुरोपैथी. इन सब के जरिए व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को एकाग्र करके बीमारियों को खत्म करने की कोशिश की जाती है. यह सभी चिकित्सा प्रणालि में नैचुरल चीजों का अपना एक खास महत्व है. जैसे- आयुर्वेद तरीके से इलाज, अच्छा भोजन, योगासन, ध्यान, प्रणायाम और खास तरह की लाइफस्टाइल. आयुष के होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली बेहद खास है. इससे कई तरह की बीमारियों को ठीक करने का दावा किया जाता है. इस चिकित्सा प्रणाली की सबसे खास बात यह है कि इसमें किसी भी बीमारी का इलाज किया जाता है तो उस व्यक्ति को ध्यान में रखकर जिसे ये बीमारी है. यह दवा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर काम करती है. 


होम्योपैथिक दवा कैसे असर करती है. होम्योपैथिक दवा कितने दिन बाद असर करती है. इत्यादि होम्योपैथिक दवा से जुड़े सभी प्रकार के सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे. दिल्ली स्थित होम्योपैथिक के मशहूर डॉक्टर संजय ठाकुर से हमने इन सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश की. डॉक्टर संजय ठाकुर बताते हैं कि होम्योपैथिक दवा किस तरह से असर करेगी यह पूरी तरह निर्भर करता है आपकी बीमारी क्या है? होम्योपैथी की भाषा में बीमारियों को दो भागों में बांटा गया है. पहला एक्यूट और दूसरा क्रोनिक. एक्यूट बीमारी के अंतर्गत सर्दी-खांसी, जुकाम आते हैं. इन बीमारियों में अगर आप होम्योपैथी की दवा लेते हैं तो इसका असर आपको 1 से 2 दिन के अंदर दिखने लगेगा. वहीं क्रोनिक बीमारी यानि पुरानी बीमारी जैसे-लिवर, किडनी, आंत, गठिया जैसी ऐसी बीमारी जो सालों से आपको परेशान कर रही है. ऐसी बीमारी पर होम्योपैथिक का असर दिखने में 8-10 महीने का वक्त लग जाता है.


बच्चों से लेकर बड़ों की बीमारी में होम्योपैथी दवा है रामबाण


यह दवाएं कई बीमारियों और उससे जुड़ी समस्याओं, जैसे कि बुखार, सर्दी, खांसी, पेट के रोग, त्वचा, मानसिक स्वास्थ्य, जोड़ दर्द, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और महिलाओं एंव बच्‍चों की समस्याओं के निदान में बेहद कारगर हैं. अक्‍सर हमारे मन में यह सवाल उठता है कि होम्योपैथिक इलाज कैसे किया जाता है, इसके पीछे की साइंस क्‍या है? या फिर इससे बच्चों की कौन-कौन सी बीमारियां ठीक की जा सकती है. बच्चों की सर्दी खांसी बुखार, उल्टी, दांत की दिक्कत, जब बच्चा बड़ा होता है तो टीथिंग के पूरे प्रोसेस के दौरान होम्योपैथी की दवा बेहद कारगर है. 


 आम बीमारी में होम्योपैथी कितने दिन में असर दिखाती है?


होम्योपैथी एक्सपर्ट के मुताबिक आम बीमारी में होम्योपैथी की दवा का असर 2-3 दिन में दिखने लगता है.साथ ही इसके खुराक पर भी ध्यान दें. 


होम्योपैथिक दवा के साइडइफेक्ट्स होते हैं क्या?


गंभीर और बड़ी बीमारी में होम्योपैथिक दवा लेने की सलाह तो नहीं दी जाती है. लेकिन कुछ ऐसी बीमारी जिसमें आपके पास अच्छा खासा वक्त है तो अक्सर लोग कहते हैं कि होम्योपैथी दवा ही लेना चाहिए. क्योंकि इससे होने वाले नुकसान न के बराबर होते हैं. साइड इफेक्ट्स के केसेस भी कम देखने को मिलते हैं. 


होम्योपैथिक दवा क्या है


होम्योपैथी एक खास तरह कि चिकित्सा प्रणाली है जो इस विश्वास पर आधारित है कि शरीर स्वयं को ठीक कर सकता है. इसे 1700 के अंत में जर्मनी में विकसित किया गया था. यह कई यूरोपीय देशों में आम है, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका में यह उतना लोकप्रिय नहीं है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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