फंगल संक्रमण आपके शरीर के उन हिस्सों में ज़्यादा होती है जहां नमी होती है या जहां बहुत ज़्यादा स्किन आपस में घिसता है. यह अक्सर वैसे व्यक्ति को ज्यादा होता है जिसका खराब ब्लड सर्कुलेशन या डायबिटीज की परेशानी होती. यह सभी कुछ मिलकर आपकी इम्युनिटी को कमजोर करती है. इसके कारण इंफेक्शन का जोखिम बढ़ता है. ख़ास तौर पर यह कई बार गंभीर इंफेक्शन का कारण बनती है.
फंगल संक्रमण जिसे माइकोसिस भी कहा जाता है
फंगल संक्रमण जिसे माइकोसिस भी कहा जाता है. त्वचा, बाल, नाखून, श्लेष्म झिल्ली, फेफड़े और शरीर के दूसरो पार्ट को प्रभावित कर सकता है. लक्षण हल्के से लेकर बहुत गंभीर तक हो सकते हैं और फंगस के प्रकार पर निर्भर करते हैं. फंगल संक्रमण के इलाज के लिए आमतौर पर एंटीफंगल दवाओं का उपयोग किया जाता है. फंगल इंफेक्शन का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है. जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है साथ ही जिनका ब्लड सर्कुलेशन खराब होता है. साथ ही साथ डायबिटीज मरीजों को फंगल इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा होता है.
जब शरीर के किसी खास हिस्से पर बार-बार संक्रमण हो रहा है तो उसे फंगल इंफेक्शन कहते हैं. यह इंफेक्शन त्वचा, नाखून, बाल, योनि के साथ-साथ मुंह में भी हो सकता है. फंगल इंफेक्शन कई तरह के होते हैं. यह छोटे से दाद-घाव के साथ जानलेवा इंफेक्शन भी हो सकते हैं. कमजोर इम्युनिटी, नमी वाले वातावरण, ज्यादा वजन और जिन लोगों को पसीना ज्यादा होता है उन लोगों को अक्सर फंगल इंफेक्शन होता है.
अपनी त्वचा को साफ और सूखा रखें
फफूंद गर्म, नम वातावरण में पनपते हैं. इसलिए, फफूंद संक्रमण को रोकने के लिए अच्छी स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है. अपनी त्वचा को नियमित रूप से हल्के साबुन और पानी से धोएं, खासकर पसीना आने के बाद। अपनी त्वचा को अच्छी तरह से सुखाएं, नमी जमा होने वाले क्षेत्रों जैसे कि पैर, कमर और अंडरआर्म्स पर विशेष ध्यान दें.
आरामदायक कपड़े पहनें
जब हमने रूबी हॉल क्लिनिक में त्वचा विशेषज्ञ डॉ. अविनाश जाधव से बात की, तो उन्होंने कहा कि कपास जैसे प्राकृतिक रेशों से बने ढीले-ढाले, सांस लेने योग्य कपड़े चुनें। इससे आपकी त्वचा को सांस लेने में मदद मिलती है और नमी के जमा होने का जोखिम कम होता है. जब फुटवियर की बात आती है, तो ऐसे जूते चुनें जो हवा के संचार की अनुमति देते हों, और हर दिन एक ही जोड़ी पहनने से बचें. नमी सोखने वाले मोज़े भी आपके पैरों को सूखा रखने में मदद कर सकते हैं.
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नाखूनों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
वायरल इंफेक्शन नाखूनों, खासकर पैर के नाखूनों को प्रभावित करते हैं. इसे रोकने के लिए, अपने नाखूनों को ट्रिम और साफ रखें. क्यूटिकल्स को काटने से बचें, क्योंकि इससे फफूंद के लिए प्रवेश बिंदु बन सकता है. अगर आप अक्सर नेल सैलून जाते हैं, तो सुनिश्चित करें कि वे क्रॉस-संदूषण से बचने के लिए सख्त स्वच्छता प्रथाओं का पालन करते हैं.
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पब्लिक प्लेस पर खाली पैर न घूमें
स्विमिंग पूल, लॉकर रूम और शॉवर जैसी सार्वजनिक जगहें फंगस के प्रजनन स्थल हैं. अपने पैरों को संभावित रूप से दूषित सतहों के सीधे संपर्क में आने से बचाने के लिए इन वातावरणों में हमेशा फ्लिप-फ्लॉप या शॉवर शूज़ पहनें.
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