Gajar Ka Halwa: सर्दियों के मौसम में वीकेंड पर आपने अगर गाजर का हलवा नहीं खाया तो फिर क्या खाया. भारत में सर्दियों के मौसम में लगभग हर घर में ये डिश बनाई जाती है. बच्चे-बड़ों से लेकर बुजुर्गों तक सभी इसे खाना पसंद करते हैं. ऐसा लगता है मानो ये सभी का शौक बन चुका है. लेकिन, क्या गाजर का हलवा सिर्फ शौक के लिए खाया जाता है या इसके कुछ फायदे भी हैं. आइए जानते हैं.


गाजर में कैरीटोनॉइड, पोटैशियम, विटामिन, विटामिन ए जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को अलग-अलग फायदे पहुंचाते हैं गाजर ब्लड प्यूरीफिकेशन से लेकर वजन घटाने तक में मददगार है.


ये हैं फायदे


बढ़ती है आंखों की रोशनी


गाजर में विटामिन ए, सी और फाइबर पाएं जाते हैं. विटामिन ए हमारी आंखों की रोशनी में सुधार करता है और इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है.


त्वचा की देखभाल


गाजर त्वचा को बाहरी प्रदूषण के साथ यूवी किरणों से भी बचाने में मददगार है. इसमें बीटा-कैरोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो त्वचा की देखभाल करता है.


घुटनों का दर्द होता है कम


गाजर की डिश बनाने में दूध का इस्तेमाल होता है और दूध में कैल्शियम पाया जाता है. इससे हड्डियों के घनत्व में सुधार और पोरस बोन (ऑस्टियोपोरोसिस ) की स्थिति को भी रोकने में ये मदद करता है. अगर हलवा बनाने के लिए गाय के दूध का इस्तेमाल किया जाए तो शरीर को इससे और ज्यादा फायदे मिलते हैं. गाय के दूध में विटामन डी, प्रोबायोटिक्स और इम्युनोग्लूबोलिन होता है जो सर्दियों के इंफेक्शन के खिलाफ हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाता है.


वजन होता है कम


गाजर की जड़ें रेशेदार होती हैं इसलिए इन्हें पचने में ज्यादा समय नहीं लगता. इससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और व्यर्थ भूख नहीं लगती. सर्दियों में लोग शरीर को ऊर्जा देने के लिए अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर लेते हैं जिससे उनका वजन बढ़ने लगता है.


कैंसर से होता है बचाव 


गाजर में चार प्रकार के फाइटोकेमिकल्स होते हैं,  कैरोटेनॉइड्स, फेनोलिक्स, पॉली एसिटिलीन और एस्कॉर्बिक एसिड, जो अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण कैंसर और ट्यूमर के जोखिम को कम कर देते हैं. गाजर में मौजूद पॉलीफेनॉल्स एंटी कैंसर होते हैं जो फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने का काम करते हैं.


 अब ये बात आप समझ गए होंगे कि गाजर का हलवा में सिर्फ शौक नहीं है बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं.


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