अब 30 मिनट में होगा आंखों के कैंसर का खात्मा, एम्स ने शुरू किया गामा नाइफ रेडियोथैरेपी से इलाज
कैंसर की बीमारी इन दिनों आम हो गई है, जिससे बचने के लिए लोग इलाज ढूंढ रहे हैं. दिल्ली के एम्स अस्पताल में एक नई तकनीक आई है जिसके जरिए आप आंखों के कैंसर का इलाज आसानी से हो सकता है.
कैंसर की बीमारी अब आम हो गई है. कैंसर कई प्रकार के होते हैं, इन्हीं में से एक है मेलेनोमा कैंसर जो आंखों के कैंसर में आम है. वहीं डॉक्टरों की टीम अब लगातार प्रयास कर इन बीमारियों से छुटकारा पाने के उपाय में लगी हुई है. ऐसी ही एक खबर दिल्ली के एम्स अस्पताल से मिली है. जहां एक अध्ययन में पाया गया कि गामा नाइफ सर्जरी की मदद से आंखों के कैंसर से पीड़ित मरीजों की रोशनी अब बचाई जा सकती है.
क्या है ये आंखों का कैंसर
आई कैंसर कई तरह के होते हैं, जिनमें बड़ा होता है मेलानोमा कैंसर. यह कैंसर आंखों में पाएं जाने वाले सेल्स को प्रभावित करता है. आईबॉल में पाए जाने वाले कैंसर को इंट्राऑकुलर कैंसर कहते है. इसके कई लक्षण है जिनमें से शुरुआती लक्षण - आंखों में धुंधलापन, एक आंख से दिखाई ना देना, आंखों में दर्द, बैचेनी महसूस करना आदि.
डॉक्टरों ने किया ये दावा
जानकारों की मानें तो आंखों में कोरोइडल मेलेनोमा नमक कैंसर होता है. जिसकी शिकायत अधिकतर एडल्ट्स में देखी जाती है. लेकिन कुछ केस ऐसे हैं जिनमें 40 साल के भी मरीज को देखा गया है. बता दें गामा नाइफ के जरिए अब आंखों के कैंसर का इलाज आसानी से हो सकता है. यह एक स्पेशल रेडियोथैरेपी है, जिसमें सर्जरी की जरूरत नहीं होती है. यह दावा किया जा रहा है कि देश में केवल एम्स में ही गामा नाइफ के जरिए यह इलाज होगा. इस इलाज के लिए 75 हजार रुपए फीस बताई जा रही है. इस फीस के बाद पूरी लाइफ लॉन्ग फॉलोअप फ्री में होगा. यहीं नहीं आयुष्मान भारत और बीपीएल के मरीजों का यहां मुफ्त में इलाज हो रहा है.
क्या है गामा नाईफ
गामा नाईफ एक मशीन है, जो एमआरआई मशीन के जैसी होती है. इस मशीन की मदद से अब बिना आखों में चीरा करें, सिर्फ एक टांका लगा कर आंख के कैंसर का इलाज किया जा सकता है. कई बार आंख के कैंसर के उपचार के दौरान मरीज की आखों की रोशिनी चली जाती थी, लेकिन अब इस थेरेपी के जरिये आंखों की रोशनी को बचाया जा सकता है, वो भी बिना चीड़ फाड़ करें. यह तकनीक पेशेंट की आंखों से 200 किरणों में से ट्यूमर को ढूंढ़कर मारती है. इस तकनीक से मरीजों को काफी आराम मिलेगा. बता दें इस थेरेपी में केवल आधे घंटे में ही इलाज पूरा हो जाता है.
खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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