Garlic Oil Benefits: भारतीय रसोई में लहसुन का इस्तेमाल खाने में स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके इस्तेमाल से आप कई रोगों से बच सकते हैं.लहसुन में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं. लहसुन के तेल में एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर को कई प्रकार के संक्रमण से बचाने का काम करता है.आइए जानते हैं लहसुन के तेल से होने वाले फायदे के बारे में.


दांत दर्द से राहत दे-अगर आप दांत दर्द से परेशान हैं तो लहसुन का तेल फायदेमंद साबित हो सकता है. इसके लिए आप रुई के टुकड़े पर लहसुन के तेल की कुछ बूंद लें और जहां पर दर्द है वहां पर लगाएं. इस प्रक्रिया को दिन में कम से कम 2 से 3 बार दोहराएं. इसमें मौजूद है एलिकिन यौगिक दांत दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा बैक्टीरिया के संक्रमण को भी कम करता है.


त्वचा की समस्या दूर करे-आपकी त्वचा पर किसी तरह का संक्रमण हो गया है तो भी इसमें तुरंत राहत दिलाने में लहसुन का तेल मदद कर सकता है. ये मुंहासे को भी कम करने में मदद करता है. मुंहासे को दूर करने के लिए आप चाहे तो लहसुन के तेल में एलोवेरा और विटामिन ई कैप्सूल मिलाकर लगा सकते हैं इससे काफी हद तक मुंहासे को खत्म किया जा सकता है.


बालों को मजबूत बनाए-लहसुन का तेल विटामिन बी 6, विटामिन सी ,मैंगनीज और सेलेनियम से समृद्ध होता है,जो बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है. इसमें मौजूद एंटीफंगल बैक्टीरिया को मारने से लेकर कीटाणुओं को दूर कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से बाल डैंड्रफ फ्री भी होते हैं. इसके इस्तेमाल से बालों की ग्रोथ को भी बढ़ा सकते हैं.


हृदय रोग के जोखिम को कम करे- लहसुन का तेल हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकता है. नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक के हृदय के लिए लहसुन फायदेमंद है. इसमें कई तरह के कंपाउंड पाया जाते हैं, मुख्य रूप से सल्फर जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करते हें.साथ ही एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाते है


लहसुन का तेल बनाने की विधि
लहसुन के कुछ टुकड़े को ले लें और उन्हें पीसकर जैतून के तेल, में या नारियल के तेल  या सरसों के तेल के साथ मिला लें. अब इस तेल को एक पैन में डालकर हल्का गर्म करें. अब इसे शीशे की बोतल में डाल दें और कुछ दिनों के लिए ठंडी जगह पर रख दें. 1 हफ्ते के बाद आप अपने जरूरत के हिसाब से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.


ये भी पढ़ें: Kabuli Chana VS Kale Chane: काबुली चना या काला चना? कौन-सा चना ज्यादा फायदेमंद और क्यों? जानें