चॉकलेट, आइसक्रीम, सैंडविच, पिज्जा खाना किसे पसंद नहीं होता. ये फूड आइटम्स खराब मूड को भी तुरंत अच्छा करने का दम रखते हैं. हालांकि इनका ज्यादा सेवन करने से पेट से जुड़ी तमाम समस्याएं पैदा हो सकती हैं. क्योंकि इनमें एक्सट्रा शुगर, एक्सट्रा सॉल्ट और मैदा होता है, जो सेहत के लिए काफी हानिकारक माना जाता है. अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए आपको हेल्दी खाना खाना चाहिए, क्योंकि इससे न सिर्फ भरपूर पोषण मिलेगा, बल्कि आप कई खतरनाक बीमारियों से भी बचे रहेंगे. आइए आपको उन फूड आइटम्स के बारे में बताते हैं, जिनसे पेट के डॉक्टर भी कोसों दूर रहते हैं. 


प्रोटीन बार


प्रोटीन बार को लोग हेल्दी मानते हैं क्योंकि इसमें असली फल और नट्स होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं. हालांकि पेट के डॉक्टर इनसे परहेज करते नजर आते हैं. क्योंकि इस सुपर-प्रोसेस्ड प्रोटीन बार से सूजन और गैस की समस्या पैदा हो सकती है. प्रोटीन बार एक प्रोसेस्ड फूड आइटम है, इसलिए डॉक्टर इसे खाने से परहेज करते हैं. आप प्रोटीन हासिल करने के लिए कुछ खाना ही चाहते हैं तो एक कप दूध, पीनट बटर, नट्स या कद्दू के बीजों का सेवन कर सकते हैं.


स्टेक


स्टेक मीट के एक टुकड़े को कहा जाता है. इसे ग्रिल, पैन-फ्राई या ब्रॉइल करके परोसा जाता है. जॉन्स हॉपकिंस में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. रिजवाना चौधरी ने कहती हैं, 'मैं रेड मीट, खासतौर से स्टेक और बर्गर से परहेज करती हूं. क्योंकि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट से कोलन कैंसर और कोलन पॉलीप्स का खतरा बढ़ सकता है. इनमें सेचुरेटेड फैट की मात्रा भी ज्यादा होती है. इनका सीमित मात्रा में सेवन करना फायदेमंद है. लेकिन ज्यादा खाने से पेट के कैंसर का खतरा पैदा हो सकता है.


हॉट डॉग या बाकी प्रोसेस्ड मीट


NYU ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट और मेडिसिन की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राबिया इस तरह के प्रोसेस्ड मीट से दूर रहना पसंद करती हैं. रेड और प्रोसेस्ड मीट के सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा पैदा होने की संभावना रहता हैं. हर हफ्ते चार या इससे ज्यादा बार रेड और प्रोसेस्ड मीट खाने से कैंसर का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.


डीप-फ्राइड फिश या चिकन


डीप-फ्राइड फिश या चिकन टेस्टी होते हैं, लेकिन इनका ज्यादा सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. माइक्रोबायोम के रिसर्चर्स और बायोएचएम के को-फाउंडर डॉ. महमूद घनौम कहते हैं कि कई अध्ययनों से मालूम चला है कि फ्राइंग ऑयल गट माइक्रोबायोम को बुरी तरह से मॉड्यूलेट कर सकता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस का विस्तार हो सकता है. इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक होने की संभावना बनी रहती है.


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