WEF Report 2024: भारत में पुरुषों के मुकाबले आधे से भी कम कमा रहीं महिलाएं, जेंडर गैप इंडेक्स रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
भारत में भले ही महिला सशक्तिकरण की ढेरों बातें की जाती रही हों, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. भारत आर्थिक लैंगिक समानता के पायदान में सबसे निचले स्तर वाले देशों में पहुंच गया है.
Gender Gap Index Report 2024: तमाम कोशिशें के बावजूद भारत में पुरुषों और महिलाओं के बीच लैंगिक असमानता यानी जेंडर गैप की खाई कम होने का नाम नहीं ले रही है. 12 जून को विश्व आर्थिक मंच ने वैश्विक लैंगिक अंतर सूचकांक के आंकड़े जारी किए हैं जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. 146 देशों की लिस्ट में भारत दो अंक पिछड़कर 129वें पायदान पर पहुंच गया है. वहीं युद्ध के दौर से गुजर रहे सूडान ने तालिबान के शासन वाले देश अफगानिस्तान को अंतिम रैंक से हटाकर अपनी जगह बना ली है.
आपको बता दे कि अफगानिस्तान के अंतिम रैंक से हटाने की वजह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के आंकड़े में शामिल न होना था.अफगानिस्तान के अलावा म्यांमार, रूस और मालवी भी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के इंडेक्स में शामिल नहीं हुए हैं. वहीं दक्षिण एशिया की बात करें तो पाकिस्तान का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. जबकि नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और भूटान भारत से आगे रहे हैं.
भारतीय महिलाएं पुरुषों की तुलना में काम कमाती हैं
भारत में भले ही महिला सशक्तिकरण की ढेरों बातें की जाती रही हों, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. भारत आर्थिक लैंगिक समानता के पायदान में सबसे निचले स्तर वाले देशों में पहुंच गया है. भारत में इकोनामिक इनिक्वालिटी 39.8 प्रतिशत है.
इसका मतलब ये है कि इंडिया में अगर पुरुष इस काम के लिए 100 रुपए कमाते हैं तो महिलाओं को औसतन 39.8 रुपए कम कमा रही हैं. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 140 करोड़ से अधिक की आबादी वाले भारत देश का 2024 में लैंगिक अंतर 64.1 प्रतिशत रहा. जबकि भारत की आर्थिक समानता का स्कोर सुधर रहा है.
वहीं बांग्लादेश की आर्थिक लैंगिक समानता सबसे निचले स्तर 31.1 पर है. इन दोनों देशों के अलावा ईरान 34.3,पाकिस्तान 36% और मोरक्को 40.6 प्रतिशत की आर्थिक लैंगिक समानता देखी गईं.
WEF की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरुषों और महिलाओं के बीच फाइनेंशियल इनिक्वालिटी ओर अवसरों में अंतर को कम करना वैश्विक लैंगिक असमानता यानी ग्लोबल जेंडर गैप से निपटने की दूसरी बड़ी दूसरी चुनौती है.
जेंडर इक्वालिटी मे आइसलैंड टॉप पर
जेंडर इक्वलिटी मे रिपोर्ट पर नजर डाले तो आइसलैंड इस साल WEF की लिस्ट में दुनिया का सबसे अच्छा देश रहा है. यहां लैंगिक समानता सबसे ज्यादा देखने को मिली है. वही नॉर्वे और फिनलैंड इसके बाद रैंक पर रहे हैं. यूनाइटेड किंगडम 14वीं और डेनमार्क 15वें और दक्षिण अफ्रीका 18वें स्थान पर रहा है.
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