Treatment: आजकल बदल रही लाइस्टाइल के चलते कई तरह की बीमारियां लोगों को घेर रही हैं. शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा जैसी समस्या आम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो बीमारी आज लेकर चल रहे हैं, हो सकता है कि आपकी वजह से ही उन बीमारियों के शिकार आपकी अगली पीढ़ी न हो जाए. डॉक्टरों का कहना है कि कई बीमारियां जेनेटिक होती हैं. जेनेटिक से आशय है कि यह एक जेनरेशन से दूसरी जेनरेशन में ट्रांसफर हो रही होती हैं. हालांकि लाइफ स्टाइल सुधारकर काफी हद तक इन बीमारियों से बचा जा सकता है.


Diabetes


शरीर में मौजूद पैंक्रियाज का काम इन्सुलिन बनाने का होता है. इन्सुलिन का काम होता है ब्लड में शुगर का लेवल मेंटेन करना. यदि पैंक्रियाज इन्सुलिन बनाना बंद कर दे या कम कर दे तो ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने लगता है. इसी कंडीशन को डायबिटीज कहा जाता है. यह रोग काफी हद तक जेनेटिक होता है. यानि परिवार में पिता या परिवार के सदस्यों को डायबिटीज की शिकायत है तो अलर्ट रहने की जरूरत है. खुद डॉक्टर इलाज करने से पहले फैमिली हिस्ट्री पूछते हैं. वहीं इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन है. जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है. यह भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम भी करता है. 


Hypertension


दिल का मुख्य काम है ब्लड वैसेल्स जरिये बॉडी को ऑक्सीजन देने के लिए ब्लड पंप करना. धमनियों के जरिए ब्लड फ्लो करने के लिए दबाव की एक निश्चित मात्रा 80/120 एमएम तय होती है. यदि ब्लड फ्लो का यह दबाव सामान्य से अधिक होता है, तो रक्त वाहिकाओं (धमनियों) की दीवार पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहते हैं. यह हाई बीपी हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी की समस्या या डिमेंशिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. इसके होने के पीछे भी बड़ा कारण फैमिली हिस्ट्री भी होता है.


Psychiatric


मानसिक रोगों के होने के पीछे बड़ा कारण जेनेटिक होता है. यदि परिवार में किसी को डिप्रेशन, एंग्जायटी, ओब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर जैसी बीमारी है, जो माता- पिता के बाद बेटे या बेटी में यह शिकायत देखने को मिल ही है तो समझ जाइए. यह जीन के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हुई है. 


Breast Cancer


स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी से होता है. आमतौर इन्फेक्टेड सेल्स पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर यह स्वस्थ कोशिकाओं पर अटैक करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं. कुछ मामलों में, स्तन कैंसर स्तन के अन्य टिश्यू को भी प्रभावित कर सकता है. यह बीमारी जेनेटिक भी है.


यह भी पढ़ें- Research In Ayurveda: गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास में रामबाण है ये औषधि, वैज्ञानिकों ने इसे बचाने की तैयारी की शुरू


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.