Covid-19 Vaccine: दवा कंपनी GlaxoSmithKline की विकसित कोविड-19 वैक्सीन तीसरे चरण के मानव परीक्षण में दाखिल हो गई है. ब्रिटेन की कंपनी अपनी दक्षिण कोरियाई साझेदार SK Bioscience के साथ वैक्सीन के असर को 4,000 लोगों पर कई देशों में जांचेगी.
उनकी कोविड वैक्सीन GBP510 की तुलना एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से भी की जाएगी. अगर वैक्सीन सुरक्षित होने के साथ-साथ संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने और मौत को रोकने में सक्षम साबित हो पाती है, तो उसे ब्रिटेन और दूसरे पश्चिमी देशों में मंजूरी मिल सकती है.
GSK की कोविड वैक्सीन तीसरे चरण के मानव परीक्षण में पहुंची
मानव परीक्षण में शामिल दोनों कंपनियों को उम्मीद है कि 2022 से विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स योजना के तहत गरीब राष्ट्रों को वैक्सीन की आपूर्ति की जा सकेगी. शुरुआती मानव परीक्षण में पाया गया कि वैक्सीन लगवाने वाले हर वॉलेंटियर में एंटीबॉडी पैदा हुई.
ब्रिटेन ने GSK और SK Bioscience की इस कोविड वैक्सीन के डोज का ऑर्डर नहीं दिया है, लेकिन फ्रांस की कंपनी सनोफी के साथ बनाई गई वैक्सीन का 6 करोड़ डोज खरीद लिया. GSK दुनिया की सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक है. कंपनी 'अगली पीढ़ी' की एमआरएनए कोविड वैक्सीन जर्मन कंपनी CureVac के साथ भी विकसित कर रही है, और Medicago के साथ दूसरी एडजुवेन्ट आधारित वैक्सीन पर काम कर रही है.
कई देशों में 4,000 लोगों पर वैक्सीन के असर की होगी जांच
तीसरे चरण का मानव परीक्षण किसी वैक्सीन के मूल्यांकन का अंतिम चरण होता है और टीकाकरण के लिए पेश किए जाने से पहले वैक्सीन को इस चरण से गुजरना जरूरी है. मेडिकल नियामक डेटा का इस्तेमाल ये फैसला करने के लिए करते हैं कि क्या वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं. कोई सुरक्षा संबंधी चिंताओं का अब तक पता तो नहीं चला है. GSK और SK Bioscience की वैक्सीन में कोविड एंटीजेन का इस्तेमाल किया गया है.
एंटीजेन वायरस का स्पाइक प्रोटीन होता है जिसे सेल्स पर हमला करने के लिए इस्तेमाल करता है. तीसरे चरण के मानव परीक्षण का नतीजा अगले साल जून के बाद आने की उम्मीद है.
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