गूगल के इस नए फीचर से डॉक्टर की खराब लिखावट पढ़ना होगा आसान, जान लीजिए कैसे करेगा काम
अब आपको डॉक्टर का लिखा प्रिस्क्रिप्शन पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि गूगल ने इसका समाधान निकाल लिया है.
Google: आप कितने भी पढ़े-लिखे ही क्यों ना हो डॉक्टर की हैंडराइटिंग पढ़ पाना नामुमकिन है, इसे या तो मेडिकल स्टोर वाला समझ सकता है या फिर डॉक्टर खुद ही समझ सकता है. आप और हम जैसे लोगों के लिए डॉक्टर की राइटिंग पढ़ पाना बहुत ही कठिन है. हालांकि जब गूगल बाबा है तो फिर किस बात की चिंता. गूगल ने जहां अब तक हर सवाल का जवाब दिया है वहीं अब नए फीचर के साथ इस मुश्किल को भी हल करने के लिए तैयार है. अब आपको डॉक्टर का लिखा प्रिस्क्रिप्शन पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि गूगल ने इसका समाधान निकाल लिया है.
अब गूगल डॉक्टरों की लिखावट को डिकोड और अनुवाद करने में मदद करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग मॉडल की घोषणा की है जो मुश्किल से पढ़े जाने वाले हाथ से लिखे प्रिसक्रिप्शन को पढ़ सकता है और उसे हाईलाइट कर सकता है. फिलहाल इस पर काम जारी है और जल्द ही इसे roll-out किया जाएगा.
नया फीचर कैसे करेगा काम
कंपनी गूगल लेंस की मदद से डॉक्टर के खराब हैंडराइटिंग को डिकोड करना सक्षम बनाने वाली है, यानी सिर्फ स्मार्टफोन से डॉक्टर की लिखी हुई पर्ची की फोटो लेनी होगी या स्कैन करना होगा और गूगल लेंस उसे साफ शब्दों में हाईलाइट करके यूजर के सामने डिस्प्ले कर देगा.इतना ही नहीं आप इसे शेयर भी कर सकेंगे, गूगल का नया फीचर गूगल ट्रांसलेट फीचर की तहत ही काम करने वाला है जिसमें किसी भी शब्द को दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करने के लिए फोटो कैप्चर करके और गूगल लेंस की मदद से स्कैन करके भी ट्रांसलेट किया जा सकता है,यानी आपके फोन का कैमरा ही शब्दों को ट्रांसलेट करने के लिए उपयोगी हो जाता है.हालांकि अब तक कंपनी ने इस फीचर्स को रोलआउट करने की तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है,
क्या है गूगल लेंस
गूगल लेंस एक एआई संचालित मल्टीपरपज वस्तु पहचान उपकरण है, जिसका इस्तेमाल वस्तुओं का पता लगाने और भाषाओं का अनुवाद करने के लिए किया जा सकता है. गूगल कंपनी के मुताबिक भारत में दुनिया में सबसे अधिक गूगल लेंस उपयोग करता रहे हैं.
प्रोजेक्ट वाणी पर चल रहा है काम
बता दें कि गूगल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से एक AI/ML मॉडल बनाने की योजना बनाई है, इसके लिए कंपनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के साथ पार्टनरशिप भी की है. इस प्रोजेक्ट को प्रोजेक्ट वाणी नाम दिया गया है. प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग भारतीय क्षेत्र भाषाओं को एकत्रित करके ट्रांसक्राइब किया जाएगा. कंपनी इसके लिए भारत के 773 जिलों में भाषा के ओपन सोर्स सैंपल स्टोर करेगी.प्रजोक्ट वाणी की मदद से भारत में गूगल वॉइस कमांड को बेहतर किया जा सकेगा
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