अंगूर (Grapes) में नैचुरल चीनी होती है साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं. जो शरीर को एंटी-इंफ्लेमेटरी और फ्री-रेडिकल्स से लड़ने लायक बनाती है. लेकिन क्या डायबिटीज (Diabetes) में अंगूर खाना सही है? अगर हां तो कितनी मात्रा में खानी चाहिए?


किसी व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज की बीमारी है तो उन्हें अपनी लाइफस्टाइल में खास बदलाव करना चाहिए. ताकि इससे ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल में रहे. सिर्फ इतना ही नहीं मीठे पकवान या मिठाई खाने से बचना चाहिए. डायबिटीज के मरीजों को सीजनल फल-सब्जी और फ्रेश खाने की सलाह दी जाती है. जब फल की बात आती है तो सबसे बड़ा सवाल यह है कि डायबिटीज के मरीज को कौन सा फल खाना चाहिए और कौन सा नहीं? अंगूर और आम जैसे फलों में नैचुरल चीनी होता है जिसके कारण ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है. 


डायबिटीज के मरीज को अंगूर खाना चाहिए या नहीं?


टाइप-2 डायबिटीज में शरीर में जितना इंसुलिन बनना चाहिए उतना नहीं बनता है. मोटारा, फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण हाई ग्लायसेमिक इंडेक्स (GI) वाले फूड आइटम्स डायबिटीज का खतरा बढ़ाते हैं. अंगूर पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट्स, पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवनॉइड्स से भरपूर होते हैं. यह सभी पोषक तत्व डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारी से बचाने में मदद करती है. इस फल का जीआई और जीएल भी कम है. अंगूर का जीआई 53 है. 


जनसत्ता में छपी खबर के मुताबिक अंगूर में विटामिन सी, के और बी 6 के साथ-साथ थायमिन, राइबोफ्लेविन, पोटेशियम, तांबा और मैंगनीज जैसे पोषक तत्व होते हैं. कुछ रिसर्च कहते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें ग्लाइकोमेसिक इंडेक्स ज्यादा होते हैं. लेकिन आपको बता दें कि काले अंगूर में फाइबर काफी ज्यादा होता है जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है. डायबिटीज के मरीज काले या हरे अंगूर खाते समय एक बात का खास ध्यान रखें कि एक दिन में ज्यादा न खाएं. एक मुट्ठी या एक छोटे से बाउल में खा सकते हैं. हद से ज्यादा अंगूर खाना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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