कुर्सी-गद्दा और बिस्तर छोड़िए, जमीन ही देगी जन्नत का मजा, यकीन न हो तो पढ़ लीजिए यह रिपोर्ट
जब आराम की बात आती है, तो हम में से ज्यादातर लोग गद्देदार कुर्सी या नरम बिस्तर का ख्याल करते हैं. पर क्या आपको पता है, असल में सच्चा सुकून तो जमीन पर सोने में है? जी हां, सही सुना आपने.आइए जानते यहां.

आज के समय में, जहां हर कोई अधिक आराम और लक्जरी की तलाश में है, वहीं जमीन पर सोने की पुरानी परंपरा अब भी कई मायनों में बेहतर साबित हो रही है. आप सोच रहे होंगे कि इस मॉडर्न समय में गद्दे और बिस्तर छोड़कर जमीन पर सोने का क्या फायदा? लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जमीन पर सोने से न सिर्फ आपकी पीठ को सही सपोर्ट मिलता है, बल्कि यह आपके सोने के तरीके को भी नेचुरल बनाता है. आइए जनाते हैं जमीन पर सोने के अनगिनत फायदों के बारे में..
जानें क्या कहना है मनोवैज्ञानिकों का
जमीन पर सोना आपके सोचने की आदतों और बॉडी पोस्चर को बदल सकता है. बिना शोध के भी मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि जमीन पर लेटने से आराम मिलता है और हमें जमीन से जुड़ने में मदद मिलती है.जब हम जमीन पर लेटते हैं, हमारा शरीर खुल जाता है और आराम मिलता है. एलेन हेंड्रिक्सन, एक मनोवैज्ञानिक का कहना है कि हमारा शरीर और मूड साथ में चलते हैं. इसलिए अगर हम कुर्सी पर झुके हुए हैं और सिर नीचे है, तो हमें खुश रहना मुश्किल होता है.
वहीं एलन फोगेल, जो मनोविज्ञान के प्रोफेसर हैं, का कहना है कि जमीन पर सोने से हमें दिन भर की चिंताओं से दूर रहने में मदद मिलती है. वह कहते हैं कि आरामदेह गद्दे पर आराम करने की जगह, जमीन पर सोने से हम ज्यादा सजग होते हैं और अपने विचारों की बजाए शरीर के अनुभव पर ध्यान देते हैं.
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