मानसून के दौरान बढ़ जाती हैं आंत की समस्याएं, एक्सपर्ट से जानिए बचने के उपाय
मानसून में पाचन सिस्टम के संवेदनशील होने की वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. उसके चलते गैस्ट्रिक की समस्याएं जैसे एसिडिटी, ब्लोटिंग, अपच, अल्सर की शक्ल में आम हो जाती हैं.
मानसून का मौसम खुशगवार होता है, लेकिन ये अपने साथ बीमारियां, संक्रमण और एलर्जी भी लाता है. पाचन सिस्टम खास कर बरसात के मौसम में संवेदनशील हो जाता है और गैस्ट्रिक की समस्याएं जैसे एसिडिटी, ब्लोटिंग, अपच, अल्सर की शक्ल में आम हो जाती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इसके लिए संतुलित डाइट खाना, रोजाना व्यायाम करना, जंक, मसालेदार और ऑयली फूड से बचने के अलावा उबला पानी पीना वक्त की जरूरत है क्योंकि बरसात के दौरान नम मौसम पूरे पाचन सिस्टम को सुस्त बना देता है.
मानसून में आंत की समस्या क्यों बढ़ती है?
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल, मुंबई से जुड़े डॉक्टर कियूर सेठ कहते हैं, "हमने हमेशा पेट, आंत और लीवर संक्रमण के मरीजों की संख्या में बरसात के दौरान बढ़ोतरी देखी है. भोजन और पानी से होनेवाले संक्रमण के कारण मरीजों की तादाद अचानक बढ़ जाती है." उनके मुताबिक, हर महीने एक हजार मरीज गैस्ट्रिक की समस्याओं का इलाज कराने के लिए अस्पताल आते हैं.
उनका कहना है कि भारी भोजन खाना पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकता है जिससे ब्लोटिंग, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को निमंत्रण मिलता है. बाजार का जूस या चाट खाने से पेट का संक्रमण होने की आशंका रहती है क्योंकि उसमें इस्तेमाल किए गए पानी में बैक्टीरिया हो सकता है. शुद्ध पानी को छोड़कर अन्य स्रोतों से पीना आपको बीमार कर सकता है और आप डायरिया से पीड़ित हो सकते हैं.
आंत की समस्या से बचने के क्या हैं उपाय?
डॉक्टर सेठ बताते हैं, "गैस मिला हुआ ड्रिंक्स पीने से बचें क्योंकि ये पाचन सिस्टम को कमजोर कर मिनरल की कमी का कारण बन सकता है." मानसून के दौरान पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने के लिए कुछ महत्पूर्ण उपाय किए जा सकते हैं.
- समुद्री फूड खाने से परहेज करें क्योंकि मानसून में पानी दूषित हो जाता है और मछली से कॉलरा या डायरिया हो सकता है.
- सड़क किनारे बिक रहे कटे हुए फलों को न खाएं क्योंकि कटे फल बैक्टीरिया की वजह से दूषित हो सकते हैं.
- डॉक्टर सेठ के मुताबिक, पाचन और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए डाइट में नींबू और अदरक को शामिल करें.
- प्रोबायोटिक्स जैसे योगर्ट या छाछ का सेवन करें क्योंकि उसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम का समर्थन करते हैं.
- शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और पाचन सुधारने के लिए काफी मात्रा में पानी का इस्तेमाल करें.
- उबली हुई सब्जियां खाएं क्योंकि कच्ची सब्जियों में वारयरस और बैक्टीरिया आपकी आंत को बदतर बना सकते हैं.
- भोजन खाने के फौरन बाद लेट न जाएं क्योंकि ये एसिडिटी और ब्लोटिंग का कारण बन सकता है.
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