H3N2 Virus: देश में लगातर बढ़ रहे इन्फ्लूएंजा वायरस H3N2 चिंता बढ़ा दी है. सर्दी-खांसी,जुकाम और बुखार के मामलों में इजाफा हो रहा है. अब यह जानलेवा भी बनता जा रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो मौसम में बदलाव के साथ फ्लू के मामले बढ़ते हैं लेकिन इस बार ज्यादा ही मरीज सामने आ रहे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कुछ दिन पहले ही जानकारी दी कि दो से तीन महीनों से इन्फ्लूएंजा वायरस के A सबटाइप H3N2 की चपेट में आने से सर्दी-खांसी बुखार के केस बढ़े हैं. इससे संक्रमित मरीजों की संख्या अस्पतालों में भी बढ़ी है. 5 सवालों में जानें यह वायरस कितना खतरनाक, किसे इससे ज्यादा खतरा..
H3N2 की जांच कब करानी चाहिए?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, जब तेजी से केस बढ़ने लगे और वह गंभीर हो जाएं, उसी स्थिति में H3N2 की जांच करवानी चाहिए. जांच तब भी जरूरी हो जाती है, जब मरीज ठीक नहीं हो रहे या इन्फ्लूएंजा वायरस पकड़ में न आ जाए. डॉक्टर के मुताबिक, इस बार सूखी खांसी के ज्यादा मरीज हैं. ज्यादातर मरीज बिना इलाज के ही ठीक हो जाते हैं.
कब समझें कि H3N2 की चपेट में आ गए हैं?
- नाक बहना
- तेज बुखार
- शुरुआत में गीली खांसी और फिर लंबे समय तक सूखी खांसी
- चेस्ट कंजेशन
- सिरदर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- शरीर में थकावट
- गले में खराश
कितने दिन में ठीक हो जाते हैं H3N2 के मरीज
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, इंफ्लूएंजा की चपेट में आने के बाद ज्यादातर मरीजों का बुखार एक हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन खांसी दो या उससे ज्यादा हफ्ते में ठीक हो पाती है. इसलिए बीमारी के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
इन्फ्लूएंजा के केस क्यों बढ़ रहे हैं?
डॉक्टर के मुताबिक, कोरोना की वजह से हमारी इम्युनिटी कमजोर हो गई है. ऐसे में वायरल इन्फेक्शन काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी वजह से इनकी गंभीरता भी बढ़ रही है. पहले लगा था कि कोविड के बाद इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियां कम हो जाएंगी लेकिन यह उल्टा हो गया और अब वायरल इन्फेक्शन में इजाफा हो रहा है, जो अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करते हैं.
H3N2 कितना खतरनाक?
हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो ज्यादातर लोग इस वायरस की चपेट में आने के बाद बिना किसी मेडिकल केयर के ही ठीक हो जाते हैं लेकिन कई मामलों में यह गंभीर और जानलेवा हो सकता है. WHO के अनुसार, हाई रिस्क पेशेंट के ज्यादातर केस जानलेवा होते हैं.
H3N2 से किन लोगों को ज्यादा खतरा?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, हर उम्र के लोग इन्फ्लूएंजा की चपेट में आ सकते हैं. इससे सबसे ज्यादा जोखिम गर्भवती महिलाओं और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को है. बुजुर्ग और किसी बीमारी की चपेट में रहने वालों को भी सावधान रहना चाहिए. हेल्थ केयर वर्कर्स को भी इन्फ्लूएंजा से ज्यादा खतरा रहता है.
H3N2 से कैसे बच सकते हैं?
WHO के अनुसार, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से आप इसकी चपेट में आसानी से आ सकते हैं. अगर कोई इन्फ्लूएंजा की चपेट में है और वह खांता या छींकता है तो उससे दूसरे व्यक्ति के शरीर में ये वायरस पहुंच सकता है. इसलिए खांसते या छींकते वक्त मुंह को ढकाना चाहिए. हाइजिन बनाए रखना चाहिए. बार-बार हाथ धोते रहना चाहिए.
H3N2 फ्लू से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
- गेदरिंग वाली जगहों पर जाने से बचें. हाथ न मिलाएं और मास्क पहनें.
- बार-बार अपनी आंख और नाक को न छूएं.
- खांसते-छींकते समय मुंह और नाक ढकें.
- सार्वजनिक जगहों पर न थूकें.
- डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें.
- खाना दूर-दूर बैठकर खाएं.
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