H3N2 Virus India Cases: H3N2 मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस में से एक है जो मनुष्यों को संक्रमित करता है, खासकर साल के इस समय में और हम पता लगाए गए मामलों की संख्या में मामूली बढ़ोत्तरी देख रहे हैं. कोविड-19 के विपरीत इस तरह का वायरस निश्चित रूप से जीवन के लिए खतरा नहीं है. हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि कोई भी वायरस जानलेवा हो सकता है अगर संक्रमित व्यक्ति की इम्यूनिटी मजबूत नहीं है. यह वायरस संक्रमण बुजुर्ग लोगों में मधुमेह और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी बीमारियों के साथ गंभीर हो सकता है, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है और आईसीयू में भर्ती होने की भी आवश्यकता हो सकती है.


H3N2 को लेकर जारी हुआ अलर्ट


इस बीच शुक्रवार को हरियाणा और कर्नाटक में दो H3N2 मौतों की रिपोर्ट के बाद राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने की चेतावनी जारी की. ओडिशा में H3N2 वायरस के 59  मामले सामने आए. संक्रमणों की वृद्धि ने इस बारे में सवाल उठाए हैं कि क्या यह खतरा एक और COVID बन जाएगा. बहरहाल अस्पताल में भर्ती होना एक नियमित घटना नहीं रही है, सिर्फ 5% मामले अस्पताल में भर्ती होने के लिए दर्ज किए गए हैं. इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है अगर लोग COVID दिनों के दौरान लिए गए सुरक्षा उपायों के समान सुरक्षा उपायों को अपनाते हैं. 


क्या ये वायरस COVID-19 की तरह जानलेवा है? 


इस वायरस को लेकर यह सलाह दी जाती है कम से कम बुजुर्गों के लिए इस वायरस से बचने के लिए नियमों का पालन करें जिसमें मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना शामिल है. अप्रैल की शुरुआत तक मामलों की संख्या में कमी आ सकती है. देशभर में H3N2 वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या सात हो गई है. हालांकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक तीन लोगों की मौत ही इस संक्रमण से हुई हैं. कोरोना के जितना यह वायरस भले ही खतरनाक ना हो लेकिन इसस सावधानी बरतना जरूरी है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों को यह वायरल ज्यादा चपेट में ले रहा हैं. इसके शुरूआत में बुखार, खांसी, सर्दी, नाक और आंखों में जलन लक्षण देखने में आते हैं.  


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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