H3N2 Virus: बड़ों के बाद बच्चों को शिकार बना रहा वायरस, छोटे बच्चे हैं तो इन लक्षण को जरूर ध्यान रखें
H3N2 वायरस देश भर में कहर बरपा रहा है. वायरस से संक्रमित होेकर 2 लोगों की मौत हो चुकी है. राजस्थान में तो बच्चे भी इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं.
H3N2 Virus Symptoms: कोरोना के बाद देश में एक और आफत सामने आई है. बदलते मौसम में यह नया वायरस और अधिक खतरनाक होता जा रहा है. लोगों में इस नए वायरस के खौफ का नाम एच3एन2 है. दुखद यह है कि इस वायरस ने देश के एक राज्य मेें बड़ों के अलावा बच्चों को शिकार बनाना शुरू कर दिया है. गंभीर हालत में बच्चों को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ रहा है. एच3एन2 से बचाव के लिए तमाम गाइडलाईन जारी की जा रही हैं. लेकिन बच्चों को संक्रमित होता देख माता, पिता और परिवार के सदस्यों की टेंशन बढ़ गई है. ऐसे में वायरस के खतरे को देखते हुए सभी को अलर्ट होने की जरूरत है. लाडले को यदि किसी तरह की परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
राजस्थान में बच्चे अधिक संक्रमित
मीडिया रिपोर्ट में H3N2 को लेकर जो खबरें सामने आ रही हैं. उनमें राजस्थान की स्थिति सही नहीं है. यहां वायरस की चपेट में आने वाले लोगों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक संक्रमित बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं. इनमें बच्चों की संख्या खासी अधिक है. कुल बीमार हो रहे बच्चों में 7 प्रतिशत बच्चों को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ रहा है.
हरियाणा, कर्नाटक में हो चुकी दो लोगों की मौत
इस वायरस का खतरनाक पहलू ये है कि ये वायरस है तो फ्लू कैटेगरी का, लेकिन संक्रमित करने के बाद इसके खतरनाक होने की स्थिति कोरोना जैसी है. एक बार जकड़ में लेने के बाद लंग्स को गंभीर रूप से डैमेज कर रहा है. कर्नाटक और हरियाणा में इस वायरस की चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो चुकी है.
अस्पताल में आने वाले तीसरे व्यक्ति को खांसी, जुकाम
राजस्थान से जो तस्वीर सामने आई है. उसके अनुसार, राजस्थान के अस्पतालों की ओपीडी में जो मरीज पहुंच रहे हैं. उसके अनुसार, ओपीडी में आने वाला हर तीसरा या चौथा पेशेंट खांसी, जुकाम, बुखार से पीड़ित है. यही लक्षण एच3एन2 के हैं.
जानिए, बच्चो में क्या दिख रहे लक्षण?
राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में जो पेशेंट पहुंच रहे हैं. उनमें अधिक खांसी और तेज बुखार की शिकायत है. कुछ मामलों में बुखार 6 से 7 दिन में भी ठीक नहीं हो रहा है. खांसी, नाक से पानी आना, उल्टी, डायरिया जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं. राहत की बात यह है कि 95 प्रतिशत मामल सीरियस नहीं है. साधारण दवाओं से ठीक हो रहे हैं.
लंग्स पर दिख रहा असर
डॉक्टरों का कहना है कि बेशक अधिक मामले सीवियर नहीं है. लेकिन जो सीरियस केस हैं या थोड़े बहुत गंभीर हैं. उनमें मरीज को अधिक परेशानी हो रही है. जिन लोगों का बुखार उतर रहा है. उन्हें खांसी लंबे समय तक रह सकती है. कई मरीजों की खांसी 10 से 12 दिन तक नहीं जा रही है. इसका असर पेशेंट के फेफड़ों पर पड़ रहा है. कई मरीजों में निमोनिया की कंडीशन भी बन गई है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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