H3N2 Virus: बच्चे, बुजुर्गे और प्रेग्नेंट महिलाओं में अलग अलग लक्षण... तुरंत पहचान कर इलाज करा लें
एच3एन2 वायरस इन दिनों देश में जमकर कहर बरपा रहा है. कई लोगों की जान जा चुकी हैं. बचाव के लिए इसके लक्षणों की पहचान करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
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H3N2 Virus Symptoms: वायरस इन दिनों देश में जमकर कहर बरपा रहा है. वायरस से संक्रमित होकर लोगों की जान जाने की खबरें सामने आ चुकी हैं. एच3एन2 जैसे इन्फ्लुएंजा वायरस हर साल बदलते मौसम में दस्तक देते हैं. लेकिन इस बार का वेरिएंट अधिक खतरनाक बताया जा रहा है. इस वायरस के लक्षण कोरोना जैसे हैं. कोरोना की वैक्सीन डेवलप हो चुकी है. इस वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं है. इससे बचाव के लिए इसके लक्षणों की पहचान करना जरूरी है. इस वायरस के लक्षण बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं में अलग अलग देखे जा रहे हैं. बीमारियों को लेकर बच्चे, बुजुर्ग और पेग्नेंट लेडी सेंसटिव मानी जाती हैं. ऐसे में इनमें उभरने वाले लक्षणों की पहचान तुरंत करना चाहिए.
बच्चों में इस तरह के लक्षण
बच्चों में लक्षणों की पहचान करना जरूरी है. तेज बुखार होना, पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, खांसी, जुकाम होना, कफ का न जाना, स्थिति खराब होने पर निमोनिया के लक्षण दिखने लगते हैं.
प्रेग्नेेंट लीड में ये दिखें लक्षण तो अलर्ट
प्रेग्नेंट महिलाओं में अन्य समस्याएं पहले ही देखने को मिलती हैं. उन्हें सावधान रहने की जरूरत है. ध्यान रखना चाहिए, यदि तीन दिन से अधिक बुखार है. ब्रोंकाइटिस, खांसी जुकाम का होना, कपफी अधिक आना, बदन दर्द, सिरदर्द शामिल है.
बुजुर्गाें में ये दिख सकते हैं लक्षण
बच्चे, प्रेग्नेंट लेडी के अलावा बच्चों में भी H3N2 के लक्षण देखने को मिल सकते हैं. छाती में दबाव अधिक रहना, 3 दिनसे अधिक खांसी बने रहना, लूज मोशन, जी मिचलाना, सिरदर्द, कमजोरी महसूस होना शामिल है. लंग्स मेें संक्रमण अधिक बढ़ने पर सांस लेने में गंभीर दिक्कत हो सकती है.
यदि कोई पहले से बीमार है तब
कुछ लोग ऐसे होते हैं, जोकि वायरल की चपेट में खांसी, जुकाम की चपेट में अकसर आ जाते हैं. कुछ लोग लंग्स के गंभीर संक्रमण से भी जूझते हैं. ऐसे लोगों के सीने में जमे कफ के कारण दर्द और भारीपन, बुखार, सांस लेने मेें परेशानी, गले में अधिक खराश होना, कानों मेें भारीपन की परेशानी हो सकती है.
इस तरह करें बचाव
यह एक वायरल संकमण है. पास में मौजूद या संक्रमित सरफेस को छूने वाला कोई भी व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकता है. इससे बचाव के लिए कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है. लेकिन अहतियात बरतकर इसे दूर रखा जा सकता है. सेनिटाइजर का प्रयोग करते रहे, खांसी या छींक आने पर मुंह को ढक लें, भीड़ भाड़ वाले जगह पर न जाएं. यदि कोई संदिग्ध लग रहा है तो उससे दूर रहें, नमक के पानी के गरारे करें, परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह लें.
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