AC Jacket : हरियाणा ट्रैफिक पुलिस अब गर्मी में भी कूल-कूल रहेंगे. उन्हें AC वाली जैकेट दी जा रही है, जो उन्हें भीषण गर्मी में भी ठंडा रखेगी. ये कूलिंग जैकेट गुरुग्राम पुलिस जवानों (Gurugram Traffic Police AC Jacket) को दी गई है. कहा जा रहा है कि इस जैकेट से वे गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रेस से होने वाली परेशानियों और थकान से बच सकेंगे.


इस जैकेट की सबसे बड़ी खासियत है कि ये 8 घंटे तक टेंपरेचर मेंटेन रखती है. इस जैकेट का वजन 500 ग्राम यानी आधा किलो है, जिससे कुछ सवाल भी उठ रहे हैं. जैसे- इतना हैवी जैकेट पहनकर ड्यूटी करना कितनी दिक्कतों वाला हो सकता है, क्या इससे बदन दर्द भी हो सकता है?


एसी वाली जैकेट कैसे काम करती है
पुलिस की इस AC जैकेट का वजन आधा किलो बताया जा रहा है. जैकेट दो पार्ट में बनी है. पहले पार्ट में बर्फ के पैड लगाए गए हैं, जिन्हें फ्रिजर में जमाया जाता है और फिर जैकेट में रख दिया जाता है. दूसरा पार्ट ऊपर का हिस्सा है, जिसमें सी टाइप चार्जर के साथ दो पंखे भी लगाए गए हैं, जो फोन वाले पावर बैंक से कनेक्ट होकर काम करते हैं. ये जैकेट PCM तकनीक पर बेस्ड हैं. जिससे ये 15 डिग्री सेल्सियस तक कम टेंपरेचर बनाए रख सकते हैं. 


एसी वाली जैकेट से क्या-क्या परेशानी हो सकती है
अभी एसी वाली जैकेट प्रयोग के तौर पर ही इस्तेमाल की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे पहनने से कई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं. जैकेट भारी भरकम होने से शरीर में थकान जल्दी हो सकती है. इसके बर्फ के पैड जल्दी पिघल सकते हैं. फ्रिजर में जमाने के बाद दो से ढ़ाई घंटे तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.


फिर से जमाने के लिए फ्रिजर की जरूरत पड़ेगी, जिसे सड़क तक लाना आसान नहीं है. इतना ही नहीं एसी वाले जैकेट से शरीर का ऊपरी हिस्सा ही ठंडा रह सकता है, इससे शरीर के तापमान का संतुलन बिगड़ सकता है और सेहत से जुड़ी कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.


पुलिस अधिकारियों का क्या कहना है
गुरुग्राम पुलिस के जोनल ऑफिसर हरफूल सिंह का कहना है कि 'इस जैकेट को लेकर आला अधिकारियों से सुझाव मांगे जाएंगे. इसकी सबसे बड़ी परेशानी वजन की है. वहीं, बर्क पैड के पिघलने पर फिर से कहां जमाया जाए, इसके लिए भी सोचना पड़ेगा.' उनका मानना है कि 'जैकेट से आधा शरीर ठंडा और आधा गर्म होगा, जो सबसे ज्यादा हानिकारक हो सकता है.'


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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