डेली लाइफ में होने वाली कुछ समस्याएं ऐसी हैं, जो शुरुआती स्तर पर बहुत मामूली लगती हैं लेकिन ये शरीर में बढ़ रहे किसी गंभीर रोग का संकेत कर रही होती हैं. इन संकेतों को यदि समय पर समझ लिया जाए और इनके अनुसार अपना खान-पान और इलाज शुरू कर दिया जाए तो किसी भी गंभीर रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है. आज हम आपको यहां ऐसे 5 मामूली लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो दिखने में एकदम मामूली होते हैं लेकिन रोजमर्रा की लाइफ में परेशानी खड़ी करते हैं. यदि इन पर ध्यान नहीं दिया जाए तो गुप्त रोग और पीलिया जैसी घातक बीमारियां भी हो सकती हैं.


क्या होता है?


आयुर्वेद के अनुसार, हमारा शरीर 5 तत्वों के साथ ही तीन दोषों से मिलकर बना होता है. ये होते हैं वात-पित्त और कफ. इन तीनों का संतुलन शरीर को स्वस्थ रखता है और अगर इनमें से कोई एक भी दोष घटा या बढ़ा तो शरीर को बीमारी घेर लेती है. रोग की प्रकृति और लक्षण के आधार पर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स यह समझ जाते हैं कि व्यक्ति को यह बीमारी किस कारण लगी है. ऐसे ही कुछ खास बीमारियां पित्त दोष के बढ़ने के कारण होती हैं. इनमें ये सामान्य बीमारियां शामिल हैं...



  • सिर में दर्द रहना 

  • खट्टी डकारें आना

  • नाभि के आस-पास मरोड़ आना 

  • त्वचा पर दाने और निशान होना

  • पुरुषों को स्वप्न दोष और महिलाओं को ल्यूकोरिया होना


रखें इन बातों का ध्यान



  • आमतौर पर खट्टी चीजें पित्त को बढ़ाने वाली होती हैं लेकिन नींबू और आंवला दो ऐसे प्राकृतिक भोज्य पदार्थ हैं, जो खट्टी होते हुए भी पित्त को नियंत्रित करती हैं और इनके सेवन से पित्त के कारण होने वाली बीमारियां ठीक हो जाती हैं. 

  • इसलिए आप अपने नियमित भोजन में नींबू का सेवन शुरू करें. इसके लिए आप सलाद, अचार, नींबू पानी इत्यादि लें. आंवला भी कच्चा, सब्जी के रूप में या मुरब्बे इत्यादि रूपों में खाया जा सकता है.

  • ध्यान और प्राणायाम करने से आपको पित्त को नियंत्रित करने में लाभ मिलेगा. मन शांत और एकाग्र रहेगा. नींद भी अच्छी आएगी. इससे शरीर को व्याधियों से लड़ने में सहायता मिलेगी और आप जल्दी स्वस्थ होंगे.

  • नियमित वॉक और योग भी आपको शरीर के त्रिदोषों को संतुलित रखने में मदद करते हैं. इसलिए स्वस्थ रहने के लिए हर दिन वॉक और योग करने की आदत जरूर डालें.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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