(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Virus Alert: जीका, निपाह या चांदीपुरा...जानें कौन सा वायरस सबसे ज्यादा खतरनाक, क्या हैं लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस मौसम में वायरस काफी एक्टिव हो जाते हैं. अलग-अलग राज्यों में बढ़ रहे वायरस के खतरे को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों को अलर्ट रहना चाहिए.
Virus Alert : देश में इन दिनों वायरस का खतरा बढ़ गया है. केरल में निपाह, गुजरात में चांदीपुरा और महाराष्ट्र में जीका वायरस का खौफ बढ़ गया है. गुजरात में चांदीपुरा वायरस से अब तक 27 मौतें हो चुकी हैं तो केरल में निपाह वायरस से एक 14 साल के लड़के की मौत हो गई, जबकि महाराष्ट्र में जीका वायरस के 28 केस मिल चुके हैं. तीन राज्यों में तीन अलग-अलग वायरस को लेकर केंद्र की हेल्थ एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर ये तीनों वायरस क्या हैं, इनसे क्या-क्या खतरे हैं...
जीका वायरस क्या है
WHO के मुताबिक, जीका वायरस (Zika Virus) एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है. डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर भी इसी मच्छर के काटने से फैलता है. तीनों ही वायरस करीब-करीब एक जैसे ही होते हैं. जीका वायरस गर्भवती महिला से बच्चे में फैलने का डर रहता है. इसके लक्षणों में बुखार, लाल चकत्ते, कॉंजक्टिवेटाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
निपाह वायरस क्या है
निपाह वायरस मुख्त तौर पर चमगादड़ों से फैलता है. चमगादड़ से दूषित फलों या अन्य खाने की चीजों के माध्यम से इंसान के शरीर में पहुंच जाता है. यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स खाने से पहले फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोने की सलाह देते हैं. इसके अलावा पक्षियों का कटा फल न खाने को कहते हैं. इस वायरस की चपेट में आने से सांस से जुड़ी तकलीफ, दिमाग में सूजन, सिरदर्द, खांसी, बुखार और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अगर संक्रमण गंभीर हुआ तो दिल का दौरा भी पड़ सकता है या कोमा तक में पहुंच सकते हैं.
चांदीपुरा वायरस कितना खतरनाक
1966 में पहली महाराष्ट्र के नागपुर के चांदीपुर में यह वायरस पहली बार पाया गया. इसी पर इसका नाम पड़ा. साल 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में इसकी वजह से 300 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई. यह एक RNA वायरस है, जो मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खियों की वजह से फैलता है.
एडीज मच्छरों के काटने से भी इसके होने का खतरा रहता है. इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे ही आते हैं. इसके लक्षणों में बच्चों में तेज बुखार, उल्टी-दस्त, मांसपेशियों में खिंचाव, कमजोरी और बेहोशी शामिल है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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