नई दिल्लीः आज 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' है यानि 'हाई ब्लड प्रेशर डे' है. हाई ब्लड प्रेशर के प्रति जागरुकता लाने के लिए हर साल 17 मई को विश्व हाई ब्लड प्रेशर दिवस मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं आज के समय में मेट्रो सिटीज में हाइपरटेशन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है.


जी हां, इंडस हेल्थ प्लस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की वर्किंग पॉपुलेशन में से 40 फीसदी लोग हाइपरटेंशन और डायबिटीज से गुजर रहे हैं.


क्या कहती है रिपोर्ट-
जनवरी 2015 से अगस्त 2016 के बीच 14,483 लोगों को हेल्थ चेकअप किया गया जिसमें पाया गया कि दिल्ली की 10 फीसदी अर्बन पॉपुलेशन और लगभग 7 फीसदी यूरल पॉपुलेशन डायबिटीज के कारण हार्ट डिजीज से गुजर रही है. वहीं पिछले साल के मुकाबले इस साल दिल्ली में 6 पर्सेंट हार्ट डिजीज के मामले सेमी-अर्बन और रूरल पार्ट्स में बढ़ गए हैं.


इस वजह से बढ़ गई है हार्ट रिलेटिड प्रॉब्लम-
रिसर्च में पाया गया कि 40 फीसदी पॉपुलेशन हार्ट डिजीज के सिम्टम्स और डायबिटीज के कारण हुई हार्ट डिजीज से अंजान हैं. दिल्ली की पॉपुलेशन अधिकत्तर ट्रैफिक, औद्योगीकरण और स्मोक के बीच रहती है जिससे हार्ट रिलेटिड प्रॉब्लम इनमें बढ़ गई है.ऐसे लोगों में 5 फीसदी हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है जो स्मोकिंग फैक्ट्ररी और इंडस्ट्रीयल एरियाज में काम करते हैं.


रिसर्च में पाया गया कि हार्ट डिजीज का बढ़ा कारण स्ट्रेस है. इतना ही नहीं, दिल्ली वाले ऑयल, बटर, फैटी फूड ज्यादा खाते हैं और एक्सरसाइज कम करते हैं. ऐसे में हाइपरटेंशन होने का पूरा खतरा रहता है.


25 से 35 वर्ष के लोग हैं ज्यादा हाइपरटेंशन के शिकार-    
रिसर्च में पाया गया कि दिल्ली में 25-35 वर्ष के आयु वर्ग वाले 26 फीसदी पुरुष और 22 फीसदी महिलाएं हाइपरटेंशन से पहले की स्थि‍ति शिकार है. लेकिन इलाज नहीं होने के कारण ये सिचुएशन हाइपरटेंशन में बदल जाती है.


इतना ही नहीं, 90 फीसदी लोगों को पता ही नहीं होता कि हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.