Hyperbaric Oxygen Therapy: फिल्म इंडस्ट्री के लोग खुद को जवान बनाए रखने के लिए कई तरह की थेरेपी या ट्रीटमेंट लेते हैं. यही वजह है कि कुछ एक्टर और एक्ट्रेस उम्र दराज होने के बावजूद काफी जवान और खूबसूरत नजर आते हैं. इस लिस्ट में सबसे पहला किसी का नाम आता है तो वो नाम है बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर का. उनके फिटनेस और उनकी उम्र ना घटने का राज हर कोई जानना चाहता है. 66 साल के अनिल कपूर बॉलीवुड के अच्छे-अच्छे जवान एक्टर को फिटनेस में मात दे सकते हैं. उनके इस फिटनेस के पीछे का राज है हेल्दी लाइफ़स्टाइल और हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी. बीते दिन ये थेरेपी लेते हुए एक्टर का एक वीडियो वायरल हुआ था. अनुपम खेर ने इस वीडियो को शेयर किया था. जिसमें अनिल कपूर ऑक्सीजन थेरेपी लेते हुए दिखाई दे रहे थे. तो चलिए जानते हैं डिटेल में इस थेरेपी के बारे में.






क्या है हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी  


ऑक्सीजन थेरेपी एक बहुत ही खास तरह की थेरेपी है जो दुनिया भर में इस्तेमाल की जा रही है. ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि ऑक्सीजन थेरेपी कराने से स्वास्थ्य को कई फायदे हो सकते हैं. ऑक्सीजन हमारे पूरे शरीर की जरूरत है. हर एक ऑर्गन को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. क्योंकि ऑक्सीजन ही उन्हें सही तरीके से काम करने में मदद करता है. ये एक थेरेपी है जिसे चोट दर्द या कुछ बीमारियों में मरीज को ऑक्सीजन की मदद से आराम मिलता है. इस थेरेपी में मरीज को एक चेंबर मशीन में लिटाया जाता है. जिससे उसके सारे शरीर में ऑक्सीजन जाती है. उस बॉडी पार्ट तक ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है जहां दर्द या घाव होता है. इससे घाव जल्दी भरता है और मरीज को राहत का अहसास होता है. ऑक्सीजन स्किन के लिए काफी अच्छी मानी जाती है और बहुत सारे लोग इसे एंटी एजिंग के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी के फायदे


1.एजिंग के इफेक्ट्स को कम करने के लिए ये थेरेपी काफी कारगर मानी जाती है. इससे स्किन में नए सेल्स बनते हैं, जिससे त्वचा टोन होती है. इस थेरेपी की वजह से स्किन अधिक समय तक यंग और हेल्दी दिखाई देती.



 

2.कैंसर डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी बीमारियां जिनमें शरीर में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है, उनमें भी यह थेरेपी काफी मददगार साबित हो सकती है.

 

3.बॉडी में जिन लोगों को सूजन होता है, वह भी इस थेरेपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. मशीन का प्रेशर बढ़ने से सूजन में कमी आती है जो से ब्लड फ्लो अच्छा होता है.

 

4.ऑक्सीजन शरीर में पहुंचने से नए वाइट ब्लड सेल बनते हैं जिससे बॉडी को इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है.


 


कैसे दी जाती है हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी


हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी लेने के लिए चेंबर मशीन में 60 से 90 मिनट तक बैठना या लेटना होता है. चेंबर के अंदर 100 फ़ीसदी ऑक्सीजन से प्रेशर दिया जाता है. जिससे प्रेशर बढ़ता है और प्लाज्मा में 10 से 20 गुना ज्यादा ऑक्सीजन जाती है. आपको बता दें कि जिस हवा में हम लोग सांस लेते हैं उसमें 21 फ़ीसदी ऑक्सीजन होती है, जबकि हाइपरबेरिक चेंबर में 200 से 240 फ़ीसदी ऑक्सीजन होती है. ऑक्सीजन जैसे ही सेल्स तक पहुंचती है, कोशिकाओं को नई लाइफ मिलने लगती है. पुरानी खराब हुई सारी सेल्स ठीक हो जाती है और नई सेल्स बनने लगती हैं. इस थेरेपी को खिलाड़ी एस्ट्रोनॉट, एथलीट, अंतरिक्ष यात्री, गोताखोर और पायलट को दिया जाता ह. हालांकि फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों ऑक्सीजन थेरेपी खूब पॉप्यूलर हो रहा है

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.