Diabetes : डायबिटीज एक लाइलाज और गंभीर बीमारी है. इस बीमारी में ब्लड शुगर कंट्रोल से बाहर हो जाता है. ऐसी स्थिति में नसों और किडनी पर दबाव बढ़ जाता है. धीरे-धीरे ये कमजोर होने लगती है. इसलिए डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को इसके लक्षणों (Diabetes Symptoms) पर बारीकि से ध्यान देना चाहिए. क्योंकि छोटी सी गलती भी बड़ी मुसीबत बन सकती है. चलिए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी हर छोटी-मोटी बात...
डायबिटीज में कब हो जाना चाहिए सावधान
हाई ब्लड शुगर के कुछ संकेत डायबिटीज के वॉर्निंग साइन हो सकते हैं. जब किसी को बहुत ज्यादा प्यास लगे, ज्यादा पेशाब आए, बिना प्रयास वजन घटने लगे, थकान और कमजोरी होने लगे, नजर धुंधली हो जाए, घाव देर से भरे या मसूड़ों में दिक्कत हो तो ये सभी टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण भी हो सकते हैं. ऐसे में डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
डायबिटीज में हर दिन करें एक काम
ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए डायबिटीज को रिवर्स करने की आवश्यकता होती है. इसके लिए दिनचर्या और खानपान को मेंटेन रख ब्लड शुगर को कंट्रोल रखा जा सकता है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर हर शाम को 6 से 6.30 बजे तक अपना डिनर कर लेते हैं तो डायबिटीज आसानी से रिवर्स की जा सकती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शाम को डायजेस्टिव फायर सबसे कम होता है. जब सूर्यास्त के बाद कुछ भी हैवी खाते हैं तो इसमें से ज्यादातर हिस्सा पच नहीं पाता है और अमा यानी बिना पचे हुए टॉक्सिक वेस्ट में बदल जाते हैं.
कफ बढ़ने से बढ़ सकती है समस्या
आयुर्वेद में बताया गया है कि अमा और कफ में काफी समानता होती है. जब शरीर में अमा बढ़ती है तो कफ भी बढ़ने लगता है. आयुर्वेद में इस कफ के बढ़ने को ही डायबिटीज का मुख्य कारण माना गया है. इसलिए कफ और अमा को कंट्रोल करने के लिए जल्दी डिनर कर लेने की सलाह दी जाती है.
डायबिटीज मैनेज करने के टिप्स
डायबिटीज यूके के अनुसार, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखने के लिए हेल्दी कार्बोहाइड्रेट फूड खाना चाहिए. नमक का कम से कम सेवन करना चाहिए. लो जीआई फूड्स को ही डाइट में शामिल करना चाहिए. ताजे फल और सब्जियां खाना चाहिए. इसके अलावा हेल्दी फैटी फूड, जरूरी विटामिन और मिनरल को खाने में रखना चाहिए. योगा-एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटिज करते रहना चाहिए. इससे डायबिटीज आसानी से मैनेज रहता है.
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