नई दिल्लीः नारियल से प्राप्त नारियल के दूध को स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक फायदेमंद कहा जाता है. नारियल के दूध में विभिन्न विटामिन और खनिजों हाई मात्रा में पाए जाते हैं और यह उन रोगियों के लिए सबसे अधिक फायदेमंद है जिनमें लैक्टोज को सहने की क्षमता नहीं हैं. चलिए जानते हैं नारियल के फायदों के बारे में.

नारियल के दूध के लाभ -




  • नारियल का दूध वजन कम करने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें ट्राइग्लिसराइड्स (एमसीटी) शामिल हैं. शोधों से पता चलता है कि ये ट्राइग्लिसराइड्स शरीर के वजन और कमर के आसपास की चर्बी को कम करने का काम करते हैं. यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक रिसर्च से पता चला है कि ट्राइग्लिसराइड्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने वाले मोटे लोगों को शाम के समय कम भूख लगती है.

  • नारियल में लौरिक एसिड होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है. इसमें एंटी बैक्टीनरियल और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो स्टैफिलोकोकस ऑरियस, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस और स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया जैसे बैक्टीरिया के विकास को रोकता है. नारियल का दूध शरीर को विभिन्न जीवाणु संक्रमणों से बचाने में मदद करता है.

  • रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नारियल के पानी में एंटीसुलरोजेनिक गुण होते हैं, जो अल्सर के विकास को कम करने और उनके आकार को कम करने की क्षमता रखते हैं.

  • नारियल के दूध का एक और फायदा यह है कि इसमें लॉरिक एसिड मौजूद होने के कारण यह दिल की सेहत को बढ़ावा देता है. जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक रिसर्च में पाया गया कि नारियल के सेवन करने से एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल कम होता है और एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल 18% बढ़ जाता है.

  • नारियल के दूध में पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम और आयरन जैसे आवश्यक खनिजों की उपस्थिति ब्‍लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकती है.

  • नारियल के दूध में फैटी एसिड में ब्लमड शुगर की दर को धीमा करने में मदद कर सकता है. यह ब्लिड शुगर के स्तर में वृद्धि को रोकता है.

  • नारियल के दूध में मौजूद लॉरिक एसिड में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होने के कारण ये गठिया, मांसपेशियों में दर्द जैसी स्थितियों से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं.

  • नारियल का दूध पाचन में मदद करता है, इससे अपच होने की संभावना कम होती है. नारियल का दूध पीने से आंत के माइक्रोबायोटा के विकास में भी सुधार होता है, जिससे आंत के स्वास्थ्य में सुधार होता है.


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