नईदिल्ली: निमोनिया ऐसी बीमारी है जो किसी को भी किसी भी ऐज में हो सकती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि इसका इलाज नहीं है. घरेलू नुस्खों से भी निमोनिया का इलाज किया जा सकता है. आज आचार्य बालकृष्ण जी बता रहे हैं कैसे तुलसी के उपयोग से कर सकते हैं निमोनिया का उपचार.


सांस की बीमारी में तुलसी का उपयोग-
अगर आपको बहुत ज्यादा सांस की दिक्कत है. अस्थमा की दिक्कत है तो इसमें तुलसी बहुत लाभकारी है. गुलबनफ्सा, मुलैठी और तुलसी को मिलाकर काढ़ा बनाइए और सुबह-शाम इसका सेवन कीजिए. इससे सांस की समस्याए कम होगी.

निमोनिया में तुलसी का उपयोग-
निमोनिया से पीडि़त लोगों के लिए तुलसी का उपसोग रामबाण है.
अगर पसलियां चल रही हैं तो भी 15 से 20 ग्राम तुलसी के रस को निकालिए. इस रस को गाय के घी या बादाम रोगन में धीमी आंच पर  पकाएं. इसे पकाकर के इससे बच्चों की मालिश कीजिए. इससे बच्चों की मसल्स‍ स्ट्रांग होंगी. इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होगा और निमोनिया की समस्या भी दूर होगी. इससे बच्चों में सर्दी-गर्मी सहने की क्षमता भी बढ़ जाएगी.

भूख बढ़ाने में तुलसी का उपयोग-
आपको या बच्चें को भूख कम लगती है तो भी तुलसी का उपयोग लाभाकारी है. भूख कम लगने पर काली मिर्च, अदरक, हरी मिर्च और तुलसी के पत्तों में नमक डालकर चटनी बना लें. आप चाहे तो हरी मिर्च भी इसमें डाल सकते हैं. खाने के साथ इस चटनी को खाएं और बच्चे को भी खिलाएं. इससे ना सिर्फ भूख बढ़ेगी बल्कि पेट की अन्य‍ समस्या भी दूर होगी. तुलसी की पत्तियां बहुत ज्यादा ना ले.