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Emotional Numbness: आखिर क्या होती है इमोशनल नंबनेस, कभी ऐसा फील हो तो समझ लें आप भी इसका शिकार हैं...

एक भयानक वाक्या या दुर्घटना इमोशनल नंबनेश का कारण हो सकती है. कुछ एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं भी साइड इफेक्ट के रूप में भावनात्मक सुन्नता का कारण बन सकती हैं.

Mental Health Tips: भावनाएं एक ऐसी प्रवृति हैं जो हर किसी को एक दूसरे से जोड़े रखती हैं. इमोशंस ही हैं जो रिश्तो को जिंदा रखते हैं. भावनाएं दोषियों को करीब लाती हैं समस्याओं का समाधान बताती हैं.  खुशी, डर, गुस्सा और दुख ये वह भावनाएं हैं जो हमारे जीवन में एक अहम भूमिका निभाती हैं. लेकिन जब हम अपने इमोशन्स को महसूस नहीं कर पाते और खुशी या दुख महसूस नहीं करते हैं तो आसान भाषा में इसे ही इमोशनल नंबनेस कहते हैं.
 
एक भयानक वाक्या या दुर्घटना इमोशनल नंबनेश का कारण हो सकती है. कुछ एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं भी साइड इफेक्ट के रूप में भावनात्मक सुन्नता का कारण बन सकती हैं. हालांकि, अच्छी बात यह है कि इमोशनल नंबनेस हमेशा के लिए नहीं होती. इसे दूर करने के लिए आप कोशिश कर सकते हैं.
 
एक्सपर्ट की क्या है राय?
डॉक्टर चांदनी तुगनैत, एमडी  मनोचिकित्सक, कहती हैं कि इमोशनल नंबनेश इंसान को आउटर वर्ल्ड से बिलकुल डिस्कनेक्ट कर देती है. जो लोग इसका एक्सपीरियंस करते हैं वे लोगों से घिरे होने पर भी अलग-थलग महसूस करते हैं. इमोशनल नंबनेश के प्रमुख कारणों में से एक दर्दनाक घटना या घटनाओं की श्रृंखला है. ट्रामा में शारीरिक, यौन या भावनात्मक शोषण के साथ-साथ हिंसा या अत्यधिक तनाव के अन्य रूप शामिल हो सकते हैं.
 
ये हैं उपाय 
 1. किसी प्रोफेशनल की लें मदद 
 
 यदि आपको लगता है कि आप इमोशनल नंबनेश की कंडीशन से जूझ रहे हैं तो आपको किसी प्रोफेशनल की मदद लेनी चाहिए जो इस अवस्था से निकलने में आपकी सहायता कर पाएं. एक विशेषज्ञ आपको किसी भी दर्दनाक घटनाओं से बाहर निकालने में मदद कर सकता है और आपको अपने इमोशन्स पर कंट्रोल करना सिखा सकता है.
 
2.माइंड फुलनेस की प्रैक्टिस करें
 
 माइंड फुलनेस आपको अपने इमोशन्स के बारे में अधिक अवेयर होने में मदद कर सकती है और आपको  अपने इमोशन्स पूरी तरह फील करने में भी मदद करती है. माइंड फुलनेस की मदद से आप अपने इमोशन्स को सही तरह से फील करना सीख जाएंगे. 
 
3.सेल्फ केयर  
किसी भी प्रकार की मेडिकल कंडीशन से बाहर निकलने के लिए सेल्फ केयर बहुत जरूरी होता है. अच्छा रुटीन फॉलो करें,अच्छा खाना खाएं. अगर आप सेल्फ केयर करेंगे तो आपको किसी प्रकार की दिमागी बीमारियां नहीं होगी.
 
4. धैर्य रखें
इमोशनल नंबनेश से निपटना एक लंबा और कठिन प्रोसेस है. ऐसे में खुद के साथ धैर्य रखना और यह समझना महत्वपूर्ण है कि इसके लिए कोई 'क्विक फिक्स' नहीं है. इमोशनल नंबनेश से उबरने में समय और मेहनत लगती है.
 
 
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