Diabetic Retinopathy : डायबिटीज इस वक्त सबसे तेजी से बढ़ती शारीरिक समस्याओं में से एक है. इससे न सिर्फ ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है, घाव जल्दी ठीक नहीं होते बल्कि कई और गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. स्वास्थ्य एक्सपर्ट के मुताबिक, आपका बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल आंखों की रोशनी भी छीन सकता है. मतलब डायबिटीज होने पर आंखों की रोशनी से जुड़ी समस्या भी हो सकती है, जिसे डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) कहा जाता है. एक अनुमान है कि डायबिटीज के हर चौथे मरीज में यह परेशानी है. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारें में सबकुछ... हर चौथे  डायबिटीज रोगी को ये दिक्कत हो सकती है, जो सीधे तौर पर उसके क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए समस्या बढ़ाने वाली मानी जाती है।

 

डायबिटीज रेटिनोपैथी क्या है

डायबिटीज रेटिनोपैथी डायबिटीज के मरीजों की आंखों की रोशनी छीन सकती है. यह रेटिना में रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है. डायबिटीज में होने वाली आंखों की इस समस्या में रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं और उनमें रिसाव भी होने का खतरा रहता है. इसी वजह से कम दिखाई देने लगता है. समय के साथ समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो सकती है. इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि डायबिटीज के मरीज को साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच करवानी चाहिए.

 

डायबिटीज रेटिनोपैथी का कारण

डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना और आंखों की समस्या होना इसका मुख्य कारण है. हाई ब्लड शुगर छोटी रक्त वाहिकाओं में रुकावट डालती है और जिसके कारण आंखें नई रक्त वाहिकाएं बनाने की कोशिश करती हैं. जब ये वाहिकाएं ठीक तरह से बन नहीं पाती तो लीक होने लगती हैं. इस कारण डायबिटीज रेटिनोपैथी की समस्या होने लगती है. डायबिटीज में सही ध्यान न देना, लगातार हाई ब्लड प्रेशर या हाई शुगर लेवल रहना और शराब-सिगरेट पीने से यह समस्या हो सकती है.

 

डायबिटीज रेटिनोपैथी के लक्षण

शुरुआत में डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण कई डायबिटिक पेशेंट में नजर ही नहीं आते हैं. हालांकि, समस्या बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी का धुंधला होना, कम दिखाई देना, चक्कर आना, सिरदर्द की समस्या हो सकती है. इसलिए डायबिटीज में समय-समय पर इलाज करवाते रहना चाहिए.

 

डायबिटीज रेटिनोपैथी से बचाव

1. डायबिटीज में आंखों की समस्या से बचने के लिए नियमित तौर पर आंखों की जांच करवाते रहें.

2. ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने का प्रयास करें.

3. हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ ही फिजिकल एक्टिविटीज, एक्सरसाइज करते रहें.

4. हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की एक्सरसाइज, जैसे- रनिंग, वॉकिंग या साइकिलिंग जरूर करें.

5. ब्लड शुगर लेवल की समय-समय पर जांच करते रहें.

 

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