कुछ समय पहले हुई एक रिसर्च में पाया गया था कि क्लाइमेट बदलने से ना सिर्फ इंसान पेट्स और एनीमल जैसे- डोग, कैट, काउ, गोट और चिकन इफेक्ट होते हैं.
मौसम बदलने से होने वाली सामान्य दिक्कतें-
- बदलते मौसम में कभी आप थकान महसूस करते हैं तो कभी आपको नींद आने लगती है.
- ऐसे मौसम में सिरदर्द, जी मिचलाना, घबराहट जैसी दिक्कतें हो जाती हैं.
- बदलते मौसम में सबसे ज्यादा स्ट्रेस भी होता है.
- कई लोगों को स्किन इरिटेशन, स्किन पर रैशेज, स्किन ड्राईनेस की भी दिक्कत हो जाती है.
- बहुत से लोगों को पेट संबंधी प्रॉब्लम्स, पेट अपसेट होना, भूख ना लगाना जैसे दिक्कतें हो जाती हैं.
- कई लोगों को कफ की दिक्कतें हो जाती हैं. ऐसे में स्मोकिंग से बचना चाहिए. स्पाइसी फूड और जंकफूड नहीं खाना चाहिए. डस्ट से बचकर रहना चाहिए.
- बदलते मौसम में बालों पर भी बुरा असर पड़ता है. हालांकि ये हेयर लॉस टेम्परेरी होता है. लेकिन स्कॉल्प पर मसाज करके इस प्रॉब्लम को भी सॉल्व किया जा सकता है. ल्यूक वॉर्म ऑयल कोकोनट ऑयल, मस्टर्ड ऑयल और आल्मंड ऑयल के इस्तेमाल से भी इस समस्या का इलाज किया जा सकता है.
ऐसा क्यों होता है-
- जब मौसम बहुत ठंड से अचानक गर्मी में बदल जाता है या फिर बहुत गर्मी से अचानक ठंडा हो जाता है तो शरीर को रि-बैलेंस करने में वक्त लगता है.
- कई लोगों का इम्यून सिस्टम इतना कमजोर होता है कि वे जरा सा मौसम में बदलाव आते ही बीमार पड़ जाते हैं.
- मौसम बदलने से हवा का रूख बदल जाता है. ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है. इसके साथ ही अल्ट्रा वॉयलेट्स लाइट्स में बदलाव आता है. सनलाइन की विजिबिलीटी में फर्क आता है.साथ ही आपका नर्व्स, कार्डियोवस्कुलर और एंड्रोसिन सिस्टम भी इफेक्ट होता है.
- कई लोगों में मौसम के बदलते ही साइक्लोजिकल चेंजेस भी आते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो मौसम में बदलाव से इम्यून सिस्टम पर स्ट्रेस पड़ता है. जिससे बॉडी अचानक इंफेक्शन और वायरस से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाती. इसलिए सीजन चेंज होते ही लोग बीमार पड़ने लगते हैं.
क्लाइमेट बदलाव से कैसे बचें-
इम्यून सिस्टम बूस्ट करें- सबसे पहले तो जरूरी है कि आप अपना इम्यून सिस्टम बूस्ट करें. अगर आप हेल्दी रहेंगे तो आपके इम्यून सिस्टम पर इफेक्ट कम पड़ेगा.
विटामिन सी- विटामिन सी का सेवन करें. ये इम्यून सिस्टम बूस्ट करें. ये आपको कोल्ड और फ्लू से भी बचाएगा. साथ ही आप क्वीकली रिकवर भी कर पाएंगे.
पानी पीएं- बदलते मौसम में पानी पीना बहुत जरूरी है. अगर आप पानी का इंटेक कम से कम आठ गिलास रखेंगे तो बॉडी डिटॉक्सीफाई हो जाएगी.