Heart Health : दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, हर उम्र में हार्ट डिजीज से खतरा रहता है. खराब लाइफस्टाइल और डाइट की वजह से इसका जोखिम बढ़ता जा रहा है. इसलिए हार्ट का ख्याल रखना ज्यादा जरूरी होता जा रहा है. ग्लोबल लेवल पर जिन बीमारियों से सबसे ज्यादा मौत हो रही है, उसमें हार्ट डिजीज एक है. हर साल लाखों लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं. डॉक्टर का कहना है कि आमतौर पर सांस में समस्या से लेकर सीने में दर्द या जकड़न को हार्ट डिजीज से जोड़ा जाता है. हालांकि, यह भी जरूरी नहीं कि दिल की बीमारी के हर लक्षण स्पष्ट ही हो. शरीर की दूसरी समस्याएं भी हार्ट के लिए अलार्मिंग हो सकते हैं. आइए जानते हैं...

 

हाथ-पीठ में दर्द

जब भी हार्ट अटैक आता है या दूसरे लक्षणों में डॉक्टर यह देखते हैं कि क्या आपके बाएं हाथ, पीठ या जबड़े में दर्द तो नहीं है. इस तरह की समस्या को हार्ट अटैक का लक्षण माना जाता है.यह एनजाइना या हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते  हैं. दर्द छाती में शुरू होकर दूसरे हिस्सों तक फैलता है. हालांकि , इस तरह के दर्द के कई और कारण भी हो सकते हैं.

 

थकान रहना

ज्यादा काम के बाद थक जाना काफी सामान्य होता है लेकिन अगर यही थकान अक्सर बनी रहती है तो यह शरीर की कई समस्याओं की ओर इशारा भी करती है. यह दिल का दौरा पड़ने से पहले का संकेत भी हो सकता है. अगर बिना किसी कारण थकान रहती है तो डॉक्टर से मिलना चाहिए.

 

अंगों में सूजन

हार्ट डिजीज, खासकर हार्ट फेलियर की समस्या होने पर इसके कुछ लक्षण पैरों, टखनों या पेट में दिख सकता है. पैरों के निचले हिस्से में सूजन होना भी हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है. अगर बिना चोट के ही पैरों में सूजन है तो डॉक्टर से जाकर मिलें और उनसे बात करें.

 

खर्राटे लेना

अगर आप रात में रोज-रोज से खर्राटे लेते हैं तो यह भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है. स्लीप एपनिया की वजह से भी ऐसा हो सकता है. यह एक ऐसी कंडीशन है, जब सोते वक्त सांस रूक जाती है. अगर समय पर स्लीप एपनिया का इलाज न हो तो यह जानलेवा हार्ट डिजीज के जोखिम को कई गुना तक बढ़ा सकता है.

 

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