Heart Health: सेहतमंद रहने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट वॉकिंग और रनिंग जैसी एक्सरसाइज की सलाह देते आए हैं. आप भी रोज कुछ ना कुछ समय के लिए टहलते या दौड़ लगाते होंगे. आपने गौर किया होगा कि वॉकिंग या रनिंग करते समय आपकी हार्ट रेट एकदम तेज हो जाती है. कुछ लोग इसे लेकर घबरा जाते हैं. देखा जाए तो ये एक सामान्य प्रोसेस है. चलिए जानते हैं कि वॉकिंग या रनिंग करते समय हार्ट रेट तेज क्यों हो जाती है और ऐसे में हार्ट रेट कितना होना चाहिए.


क्यों तेज हो जाती है दिल की धड़कन  
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि रनिंग करते समय ज्यादा एनर्जी की खपत होती है और इसे पूरा करने के लिए मांसपेशियों को ज्यादा एनर्जी और ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. इस जरूरत को पूरा करने का दारोमदार दिल पर होता है और दिल ब्लड को तेजी से पंप करना शुरू कर देता है जिससे दिल की धड़कन यानी हार्ट रेट तेज हो जाती है.


इसके अलावा दौड़ते समय बॉडी का तापमान भी बढ़ जाता है जिसके चलते दिल तेजी से ब्लड पंप करके शरीर को ठंडा करने की कोशिश करता है.दौड़ते समय हमारे शरीर में एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन अपने उच्च स्तर पर पहुंच जाते हैं. इसकी वजह से भी दिल की धड़कन तेज हो जाती है.


हार्ट रेट की गणना कैसे कर सकते हैं
हार्ट रेट का ज्यादा होना दौड़ रहे व्यक्ति की उम्र, आस पास के तापमान, फिटनेस लेवल और यहां तक कि उम्र से भी संबंधित होता है. कई बार दौड़ते समय उन लोगों की हार्ट रेट बहुत ज्यादा हो जाती है जो आमतौर पर तनाव में होते हैं. हालांकि हार्ट रेट का बहुत ज्यादा तेज होना भी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.


इतना हार्ट रेट नॉर्मल, इससे ज्यादा में हो जाएं सतर्क 


आमतौर पर रनिंग कर रहे एक सामान्य व्यक्ति का हार्ट रेट पता करना है तो ये काफी आसान है. आमतौर पर रनिंग करते समय हार्ट रेट 60 से 100 बीपीएम होता है. इसके अलावा रनिंग कर रहे व्यक्ति की जो उम्र है, उसे 220 से घटा दीजिए. इससे आपकी हार्ट रेट का पता चल जाएगा. आप हार्ट मॉनिटर का यूज करके भी हार्ट रेट का पता चला सकते हैं. आजकल स्मार्ट वॉच में भी इसे जांचने के लिए कई तरह के ऑप्शन आ गए हैं.


धड़कन तेज होना किस बीमारी का संकेत


आमतौर पर आपने देखा होगा कि जिनका वजन ज्यादा होता है  वह थोड़ा सा भी चलते या दौड़ते हैं तो उनकी सांस फूलने लगती है.  इसके अलावा अगर टहलते या रनिंग करते वक्त थोड़े समय में ही हार्टबीट बढ़ने लग जाए तो यह दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है.  कई बार यह हार्ट अटैक का लक्षण भी माना जाता है.  ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आप हार्टबीट मॉनिटर करते रहे और अगर जरूरत से ज्यादा हार्टबीट बढ़ तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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