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Health Tips: बार-बार फटते हैं होंठ तो हो जाएं सावधान, कहीं ये गंभीर बीमारी के लक्षण तो नहीं
Lips Care Tips: अगर आप भी होंठ के किनारों के फटने से परेशान हैं तो इसे अनदेखा करने से बचें. समय रहते इस पर ध्यान दिया जाए तो इस समस्या को दूर किया जा सकता है.
Lips Treatment: क्या आपके भी होंठ बार-बार किनारे से फटते हैं? अगर ऐसा है तो इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि यह किसी बीमारी के संकेत हो सकते हैं. अगर बार-बार यह समस्या आ रही है तो यह एंगुलर चेइलिटिस (Angular cheilitis) भी हो सकता है. यह बीमारी मुंह के कोनों पर होने वाले त्वचा की सूजन है. इसलिए अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो बिना देर किए इसका इलाज करें. यहां आपके लिए कुछ टिप्स (Lips Care Tips), जिन्हें अपनाकर आप इस बीमारी से खुद को बचा सकते हैं...
एंगुलर चेइलिटिस क्या है?
सबसे पहले बता दें कि एंगुलर चेइलिटिस स्किन से जुड़ी बीमारी है. जो मुंह के कोनों को प्रभावित करती है. इसका असर यह होता है कि होंठ फट जाते हैं, घाव हो जाते हैं और यह काफी दर्द करता है. कई लोग इसे कोल्ड सोर भी मान बैठते हैं लेकिन इससे बचें क्योंकि यह एंगुलर चेइलिटिस के लक्षण होते हैं. हालांकि इससे ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है. यह समस्या दवा या डाइट में बदलाव करने से खत्म हो जाती है. यह कंडीशन आमतौर पर विशेष त्वचा मलहम, दवा या डाइट में बदलाव के साथ दूर हो जाती है.
किस उम्र में ज्यादा होती है यह समस्या
एंगुलर चेइलिटिस की समस्या उम्रदराज और बच्चों में पाई जाती है. बुजुर्ग के मुंह की कोने की त्वचार ढीली हो जाती है. उसमें ड्राइनेस ज्यादा होता है, जिससे यह बीमारी होती है. वहीं बच्चों में लार टपकने और अंगूठा चूसने से होंठ के किनारे फट सकते हैं.
क्यों खतरनाक है एंगुलर चेइलिटिस
कई बार लार मुंह के कोनों में जमा होने से ड्राईनेस का कारण बनती है। इसकी वजह से कभी-कभी बैक्टीरिया या फंगस होठों की दरारों में आ जाते हैं, जिससे इंफेक्शन या सूजन हो सकता है. इसके अलावा कई और कारण हैं, जिनकी वजह से यह किनारे पर होंठ फटने लगते हैं. इनमें फिट ने होने वाले डेन्चर का यूज, नींद के दौरान लार आना, मुंह में फंगल या इंफेक्शन, स्किन एलर्जी
अंगूठा चूसना और फेस मास्क पहनना शामिल है.
एंगुलर चेइलिटिस को न करें अनदेखा
अगर कभी आपके होंठ भी कोने से फट रहे हैं तो इसको अनदेखा न करें, क्योंकि इसकी वजह से कई बीमारियां हो सकती हैं, जो इस तरह हैं...
- इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर, जैसे HIV
- डायबिटीज या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज
- डाउन सिंड्रोम, जिससे फेस पर ड्राईनेस बढ़ जाती है
- तनाव
- तेजी से वजन कम होना
- विटामिन बी, आयरन या प्रोटीन का लो लेवल
- तेजी से वजन कम होना
- उम्र बढ़ने के कारण त्वचा पर झुर्रियां पड़ना
एंगुलर चेइलिटिस से बचने डाइट में शामिल करें ये चीजें
- आयरन- मांसाहारी, गार्डन क्रेस सीड्स, टोफू, दाल, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट
- प्रोटीन- मांसाहारी स्रोत, डेयरी प्रोडक्ट्स, सोयाबीन, दाल और फलियां
- जिंक- मीट,बीज, चेडर पनीर
- विटामिन बी-12- मीट, अनाज, मिल्क प्रोडक्ट्स
- फोलेट- अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, खट्टे फल, गेहूं, ब्रोकली
- राइबोफ्लेवि- मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स, अंडे, मीट
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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