पटना: कुछ वक्त पहले बॉलिवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप ने बताया था कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है. हालांकि उन्होंने ये भी बताया था कि ये अभी 'जीरो स्टेज' पर है और वो इसका इलाज करवा रही हैं. अब ताहिरा ने एक इंस्टाग्राम पर पोस्ट के जरिए बताया है कि उन्हें फिर से कैंसर डिटेक्ट किया गया है. अब यह A1 की स्टेज में पहुंच गया है. ताहिरा से पहले मुमताज, काइली मिनोग, बार्बरा मोरी, सिंथिया निक्सन, मेलिसा एथरिज और क्रिस्टिना एप्पलगेट जैसी अभिनेत्रियां भी ब्रेस्ट कैंसर का सामना कर चुकी हैं.
पटना के सवेरा कैंसर एंड मल्टीस्पेशियल अस्पताल के चर्चित कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. वी.पी. सिंह ने ब्रेस्ट कैंसर को महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक बताते हुए कहा कि इससे बचाव के लिए लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है, जिससे समय रहते इसका निदान हो सके. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, "हमारे देश में आज भी महिलाएं इसके प्रति जागरूक नहीं है."
डॉ. सिंह ने बताया कि अभी हाल में किए गए एक रिसर्च के मुताकिब, 28 में से एक महिला को अपने जीवनकाल में ब्रेस्ट कैंसर होता है. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या 22 महिलाओं में से एक जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 60 में से एक महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं. उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के आंकड़े के मामले में भारत पश्चिमी देशों से अलग है.
डॉ सिहं ने कहा कि भारत में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या 30 से 40 के उम्र में ज्यादा होती है, जबकि पश्चिम के देशों में यह 50 साल से अधिक आयु वाली महिलाओं में होता है. भारत में इसके प्रति जागरूकता और जांच का अभाव काफी देखने को मिलता है, जो अंतिम समय में महिला और उनके परिजनों को पूरी तरह तोड़ देता है. उन्होंने बताया, "पिछले कुछ सालों में भारत में ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाएं ज्यादा आई हैं. इसके प्रति जागरूकता का अभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी पहचान तीसरे या चौथे स्टेज में होता है, जब यह रोग मरीज के लिए खतरनाक हो जाता है."
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डॉ सिंह ने दावा करते हुए कहा कि अगर इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण का पता लग जाए, तब इलाज काफी आसान हो जाता है और लगभग 80 फीसदी मरीज ठीक हो जाते हैं. ऐसे मामले में मरीजों को अंधविश्वास से दूर रहने की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे चक्कर में ओझा-गुणी से दूर रहना चाहिए. उन्होंने इसके लक्षण की बात करते हुए कहा कि ब्रेस्ट कैंसर में प्रारंभिक तौर पर स्तन के अंदर दो सेंटीमीटर तक की गांठ बनती है और इससे सूजन, हल्का दर्द, शुरू हो सकता है.
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ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बारे में बालते हुए उन्होंने कहा, "अगर शुरुआती दौर में इस बीमारी का पता चल जाए, तब इसका उपचार ऑपरेशन से भी संभव है. इसके अलावा कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के जरिए भी उपचार संभव हो गया है. इसके लिए बस जागरूक होने की जरूरत है."
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