वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने जीका वायरस से लड़ाई के लिए एक टीका विकसित किया है. उन्होंने इसका सफल परीक्षण चूहों और बंदरों पर किया है. जीका वायरस ऐसा संक्रमण है जो मनुष्य के बच्चों में दिमागी विकार पैदा कर सकता है. अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के शोधकर्ताओं के मुताबिक बंदरों पर इस टीके का प्रभावी साबित होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. क्योंकि इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यह मानव के लिए भी कारगर सिद्ध होगा और क्लिनिकल तौर पर इसके और विकास में सक्षम बनाएगा.


साल 2015-16 में ब्राजील में जीका संक्रमण के फैलने के बाद इससे लड़ाई के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास शुरू हुए थे और 30 से अधिक टीके विकसित किए गए थे. जीका, संक्रमित मच्छर के काटने और संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से फैलता है. इस संक्रमण से बचाव का कोई उपाय नहीं है. सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए अब तक किसी टीके को मंजूरी नहीं मिली है. हवाई यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर एक्सेल लेहरर ने कहा कि यह प्रस्तावित टीका कारगर हो सकता है.


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अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के शोधकर्ताओं ने अपने एक शोध में बताया था कि जीका वायरस मच्छरों के काटने से होने वाला संक्रमण है जिससे जन्म के समय बच्चों में विकृतियां होने की आशंका होती है और वयस्कों में नर्व्स सिस्टम संबंधी परेशानियां होती हैं. जीका वायरस 2015 और 2016 में ब्राजील, कैरेबियन और दक्षिण अमेरिका से फैला था. हालांकि इस संक्रमण का अभी कोई स्वीकृत टीका या उपचार उपलब्ध नहीं है.


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