Five deadly virus : संक्रामक रोग (infectious diseases) तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और इसमें न केवल मरीज की इम्यूनिटी वीक होती है, बल्कि कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना भी उन्हें करना पड़ सकता हैं. इसमें दिमाग (brain) की सूजन से लेकर सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, मानसिक भ्रम, डर, मतली-उल्टी जैसी कई समस्या हो सकती हैं.


सबसे ज्यादा समस्या उन वायरस में होती है जो सीधे आपके दिमाग को प्रभावित करता है. तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही पांच वायरस के बारे में बताते हैं, जो आपके दिमाग को प्रभावित (virus that can affect brain) कर सकते हैं और उससे बचाव जरूरी है.




कोविड-19




कोविड-19 के मामलों में भले ही कमी आई है और अब इसके केसेस कम सामने आ रहे हैं, लेकिन कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि लॉन्ग टर्म इफैक्ट्स में कोविड के कारण लोगों के ब्रेन पावर में कमी आई है, इससे मेमोरी लॉस इशू, डिमेंशिया और डिप्रेशन-एंजाइटी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं.


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रेबीज वायरस




रेबीज दिमाग के लिए सबसे घातक वायरस में से एक है. एक बार लक्षण दिखने के बाद, संक्रमण लगभग हमेशा घातक होता है. यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे एन्सेफलाइटिस (दिमाग की सूजन), भ्रम, बेचैनी, मतिभ्रम और हाइड्रोफोबिया (पानी का डर) होता है.




हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस 




HSV-1 हर्पीज़ एन्सेफलाइटिस का कारण बन सकता है, जिससे दिमाग में सूजन हो जाती है. इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, भ्रम, दौरे आदि शामिल हैं. यदि इसका इलाज न किया जाए, तो इससे गंभीर न्यूरोलॉजिकल डैमेज या मौत भी हो सकती है.


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जापानी एन्सेफलाइटिस वायरस (JEV)




JEV एक मच्छर से फैलने वाला वायरस है जो दिमाग में सूजन का कारण बनता है, जिसे एन्सेफलाइटिस के रूप में जाना जाता है. इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, भटकाव, दौरे और कोमा जैसे लक्षण होते हैं, इतना ही नहीं इसकी मृत्यु दर बहुत ज्यादा है और इससे बचने वाले लोग न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से पीड़ित होते हैं.




वेस्ट नाइल वायरस




ये मच्छरों से फैलने वाला एक और वायरस है। वेस्ट नाइल वायरस इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस का कारण बन सकता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, भटकाव, कंपन, ऐंठन और लकवा जैसे लक्षण शामिल होते हैं.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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