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अस्पतालों में साफ-सफाई, फिर भी मरीजों में कैसे पैदा हो जाता है संक्रमण? इस स्टडी ने दिया जवाब
संक्रमण को रोकने के तमाम प्रयासों के बावजूद दुनिया भर के अस्पतालों में लोगों को बीमार करने के लिए बैक्टीरिया के नए-नए स्ट्रेन उभरते रहते हैं और कहीं से भी सामने आ सकते हैं.
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Study: मरीजों को किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचाने के लिए अस्पतालों में साफ-सफाई का खासा ध्यान रखा जाता है. हालांकि फिर भी गंभीर बीमारियों से पीड़ित अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को संक्रमण की आशंका रहती है, जो उनकी मुश्किलों को बढ़ाने का काम करती है. अमेरिकी अस्पतालों में हर साल लगभग 1,00,000 लोग संक्रमण की वजह से मारे जाते हैं और ऐसा नहीं है कि संक्रमण उन्हें पहले से था. ये संक्रमण उनमें अस्पताल में भर्ती होने के बाद पैदा हुआ था. संक्रमण को रोकने के तमाम प्रयासों के बावजूद दुनिया भर के अस्पतालों में लोगों को बीमार करने के लिए बैक्टीरिया के नए-नए स्ट्रेन उभरते रहते हैं और कहीं से भी सामने आ सकते हैं.
सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर्स ने इस तरह के बैक्टीरिया के एक नामालूम सोर्स की ओर इशारा किया और इससे जुड़े कई सबूत जुटाए हैं. चूहों का अध्ययन करते हुए रिसर्चर्स ने पाया कि यूरिनरी ट्रैक्ट में स्टेराइल ट्यूब (जिसे कैथेटर कहा जाता है) डालने के बाद यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण (Urinary Tract Infections ) पैदा हो सकता है, तब भी जब मूत्राशय में पहले से किसी बैक्टीरिया का पता नहीं चला हो. इस तरह की ट्यूब का इस्तेमाल अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा आमतौर पर सर्जरी कराने वाले लोगों के मूत्राशय को खाली करने के लिए किया जाता है. इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि ट्यूब डालने के बाद मूत्राशय की कोशिकाओं में छिपे डॉर्मन्ट एसिनेटोबैक्टर बॉमनी बैक्टीरिया (ए बौमन्नी) एक्टिव हो जाते हैं, जो संक्रमण के उभरने और UTI पैदा करने का कारण बनता है.
मरीजों की होनी चाहिए स्क्रीनिंग
साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में 11 जनवरी को पब्लिश स्टडी के रिजल्ट बताते हैं कि छिपे बैठे खतरनाक बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए मरीजों की स्क्रीनिंग की जानी चाहिए, इससे संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी. मॉलिक्यूल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर और स्टडी के राइटर मारियो फेल्डमैन ने कहा कि आप पूरे अस्पताल को साफ कर सकते हैं. जीवाणु-रहित कर सकते हैं, लेकिन फिर भी ए. बौमन्नी का नया स्ट्रेन उभर जाएगा. फेल्डमैन ने कहा कि सिर्फ अस्पताल की साफ-सफाई ही काफी नहीं है. वास्तव में कोई नहीं जानता कि क्यों ये संक्रमण फैल जाता है. इस अध्ययन से मालूम चलता है कि मरीज जाने-अनजाने में बैक्टीरिया को अपने साथ अस्पताल तक ला सकते हैं.
उन्होंने कहा कि अगर किसी की प्लान के मुताबिक सर्जरी है और कैथीटेराइजेशन होने जा रहा है, तो हम यह पता लगाने की कोशिश कर सकते हैं कि क्या मरीज बैक्टीरिया भी साथ लेकर जा रहा है? इससे हम सर्जरी से पहले ही उस मरीज को ठीक कर पाएंगे. ऐसा करने से हम इन जानलेवा संक्रमणों के खतरनाक स्ट्रेन को उभरने से रोक पाएंगे.
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