Allergy: भीषण गर्मी और मौसम में बदलाव से अधिकतर लोग किसी न किसी तरह की एलर्जी से परेशान रहते हैं. जानकर हैरानी होगी कि भारत में 30 प्रतिशत लोग एलर्जी की समस्या से जूझते हैं.  इसका मतलब हर तीन में से एक भारतीय को किसी न किसी तरह की एलर्जी ने परेशान कर रखा है. एक रिपोर्ट के अनुसार,  अमेरिका का दूसरा नंबर है, जहां बड़ी संख्या में यानी करीब 26% लोगों को एलर्जी है. आइए जानते हैं इसका क्या कारण है...

 

एलर्जी का कारण

रिपोर्ट के अनुसार, मौसम में बदलाव होने पर एलर्जी (Allergy) तेजी से होती है. कहा जाता है कि पेड़-पौधों के फूलो से फैलने वाले पराग कणों से भी एलर्जी काफी ज्यादा फैलती है. गर्मी के मौसम से भी ज्यादा सर्दी का मौसम इसके लिए खतरनाक माना जाता है. इसके अलावा शंख, सीपी, दूध, पनीर, मेवे, मटर फली, मधुमक्खी, कुत्ते, बिल्ली और अंडे से भी एलर्जी का खतरा रहता है. यह किसी भी उम्र में हो सकती है.

 

शेलफिश से एलर्जी 

हाल ही में अमेरिका में एक शख्स शेलफिश से एलर्जी की चपेट में आया. यह इस तरह का पहला मामला है. जांच में पाया गया कि उसने जो खाया, उसकी वजह से ही एलर्जी हुई. एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि खाने में फिश उसे पसंद है. पहली बार उसने शेलफिश का सेवन किया था.

 

क्या उम्र के साथ एलर्जी बढ़ रही है

न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई में इस्कॉन स्कूल ऑफ मेडिसिन में एलर्जीस्ट और इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. श्रद्धा अग्रवाल का कहना है कि एलर्जी उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती या घटती है, इसका कारण आजतक वैज्ञानिक भी नहीं पता लगा पाए हैं. उनका कहना है कि एलर्जी कई तरह से हो सकती है. जब इम्यून सिस्टम गलती से पराग कण या जानवरों के बाल के संपर्क में आ जाता है तो एलर्जी की आशंका बढ़ जाती है. इससे खांसी, छींक, खुजली, पित्ती, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत होने के साथ अस्थमा और बेहोशी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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