Abortion Pill Side Effects : मां बनना हर महिला का सबसे बड़ा सपना होता है. एक तरफ जहां मां बनने के लिए लोग अलग-अलग तरह के तरीके अपनाते हैं. वहीं, कुछ महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए एबॉर्शन पिल (Abortion Pil) का इस्तेमाल खुद से करती हैं. यह खतरनाक हो सकता है. इसलिए एबॉर्शन पिल लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. खुद से एबॉर्शन पिल लेना खतरनाक हो सकता है. आइए जानते हैं इसके साइड इफेक्ट्स...
एबॉर्शन के कानून
हर देश में एबॉर्शन यानी कि गर्भपात कराने के कानून हैं. भारत में प्रेग्नेंसी के 24 सप्ताह तक एबॉर्शन को लीगल माना गया है यानी कि इतने समय तक कोई भी महिला अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने की प्रक्रिया करा सकती है.
एबॉर्शन पिल क्यों खतरनाक
महिला रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, प्रेग्नेंसी को-टर्मिनेट यानी अनचाहे गर्भ को खत्म करने के लिए एबॉर्शन पिल का इस्तेमाल करना होता है. एमटीपी किट जैसी चीजों का इस्तेमाल करना है. कई मामलों में इसके मामूली साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं लेकिन कुछ खास मामलों में इससे परेशानी भी बढ़ सकती है. डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ मामलों में भ्रूण महिला के फेलोपियन ट्यूब में ही फंसा रह जाता है. इसे इक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) कहा जाता है. इसका मतलब यह हुआ कि भ्रूण गर्भाशय की बजाय फेलोपियन ट्यूब में ही ठहर गया है.
एबॉर्शन पिल हो सकता है जानलेवा
इक्टोपिक प्रेग्नेंसी के दौरान एबॉर्शन पिल लेने से ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा रहता है. ब्लीडिंग से टिशू निकलता है और इसकी वजह से फेलोपियन ट्यूब की दीवार को नुकसान पहुंचने लगता है. ऐसे में फेलोपियन ट्यूब फटने का खतरा रहता है. इस कंडीशन में बेहद दर्द और खून का रिसाव होने लगता है. अगर तुरंत सर्जरी न कराया जाए तो जान भी जाने का खतरा रहता है.
डॉक्टर की सलाह पर ही लें अबॉर्शन पिल
महिला रोग विशेषज्ञ बताती हैं कि, एबॉर्शन के लिए आई किसी भी महिला को एबॉर्शन पिल देने से पहले अब जांच करके यह पक्का करते हैं कि कहीं ये इक्टोपिक प्रेग्नेंसी का मामला न हो. इसके लिए अल्ट्रासाउंड जैसी जांचों की मदद ली जाती है. जांच के दौरान इक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर एबॉर्शन पिल्स देने से इनकार कर देते हैं, क्योंकि इससे मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है.
अबॉर्शन पिल के साइड इफेक्ट
पेट खराब होना
क्रैंप आना
बैक पेन होना
चक्कर आना
सिर में दर्द होना
उलटी जैसा महसूस होना
अचानक से दर्द या ब्लीडिंग बढ़ जाना
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