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एसिड रिफ्लक्स गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की वजह भी बन सकती है. ऐसे लोग जिन्हें आए दिन एसिड रिफ्लक्स की प्रॉब्लम्स होती है, उनमें GERD बीमारी का खतरा ज्यादा देखने को मिलता है.
Acid Reflux: एसिड रिफ्लक्स पाचन से जुड़ी एक सामान्य समस्या है, जो कभी न कभी परेशान करता है. इसकी वजह से कई बार असहज भी होना पड़ता है. वैसे तो यह समस्या सामान्य घरेलू उपायों से ही ठीक हो जाती है लेकिन अगर समस्या ज्यादा बने तो सावधान हो जाना चाहिए. दरअसल, एसिड रिफ्लक्स के साथ हार्ट बर्न की समस्या आम होती है. एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की वजह भी बन सकती है. ऐसे लोग जिन्हें आए दिन एसिड रिफ्लक्स की प्रॉब्लम्स होती है, उनमें GERD बीमारी का खतरा ज्यादा देखने को मिलता है. ऐसे में चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में जो आराम दिला सकते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हार्टबर्न और जीईआरडी दोनों ही काफी आम समस्याएं हैं. करीब 20% लोगों में गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का खतरा हो सकता है. एसिड रिफ्लक्स की वजह से कई लोगों की चेस्ट में हल्की परेशानी या निगलने में कठिनाई हो सकती है. अगर शुरुआत में ही कुछ आसान उपाय अपना लिए जाए तो इसके खतरे को कम कर सकते हैं. अगर घरेलू उपाय से आराम नहीं मिलता है तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
खाने में फाइबर बढ़ाएं, एसिड फूड प्रोडक्ट्स घटाएं
एसिड रिफ्लक्स की समस्या खानपान में गड़बड़ी की वजह से होती है, इसलिए आहार में सुधार करनी चाहिए. ज्यादा खाने से भी बचना चाहिए. खाने में हाई फाइबर वाले फूड्स एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से बचाने में मदद कर सकते हैं. साबुत अनाज, गाजर और चुकंदर जैसी जड़ वाली सब्जियां और ब्रोकली खाने में जरूर शामिल करना चाहिए. अम्लीय खाद्य पदार्थ, हार्टबर्न को बढ़ाने का काम कर सकते हैं, इसलिए इनसे परहेज करना चाहिए. खट्टे फलों का जूस, टोमैटो सॉस, तला हुआ खाना, कैफीन, लहसुन और प्याज कम से कम लेना चाहिए.
शराब से दूरी बनाएं
कई अध्ययनों में पाया गया है कि शराब पीने से पेट में एसिड बढ़ सकता है. ये एसिड रिफ्लक्स के लक्षण बढ़ा सकती है. इसलिए शराब से बचना चाहिए. शराब एसिड रिफ्लक्स बढ़ाने के साथ ही लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. शराब पीने से पाचन से जुड़ी कई और बीमारियां बढ़ सकती हैं.
रात में खाने का समय बदलें
एसिड रिफ्लक्स की वजह से होने वाली समस्याओं से बचना है तो रात में खाने यानी डिनर का समय बदल लें. सोने से कम से कम तीन घंटे पहले खाना खा लें. कई अध्ययनों में पाया गया है कि सोने से कुछ देर पहले डिनर करने वालों में जीईआरडी की प्रॉब्लम्स ज्यादा देखने को मिलती है. खाने के कुछ देर बाद टहलने की आदत बनाना चाहिए.
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