Mental Health : बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान (Aamir Khan) की बेटी आइरा खान (Ira Khan) इन दिनों एक ऐसी बीमारी से जूझ रही हैं, जिसने उन्हें अंदर तक खोखला कर दिया है। आइरा खान ने खुद इसका खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि वह क्लिनिकल डिप्रेशन (Clinical Depression) से जूझ रही हैं. उनकी मानसिक बीमारी हर 8 से 10 महीने पर ट्रिगर करती है. इस बीमारी को समझने में उन्हें थोड़ा समय लगा है. आइए जानते हैं इस मेंटल प्रॉब्लम से जुड़ी हर डिटेल्स और जानते हैं कहीं आपमें भी तो इसके लक्षण नहीं हैं.
8-8 घंटे तक रोती रही हैं आइरा खान
आइरा खान को अपने इस मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम के बारें में तब समझ आया, जब वे अपनी फैमिली, पैरेंट्स से दूर गईं. वह 8-8 घंटे तक रोती रहती थीं. 10 घंटे तक सोया करती थीं. उनकी मां ने बेटी के डिप्रेशन के लक्षणों को समझा और करीब डेढ़ साल तक आइरा इस बीमारी से जूझती रहीं. तब वे चार-चार दिन तक खाना नहीं खाती थीं.
सबकुछ नॉर्मल होता है, इसलिए बीमारी बता नहीं चलती
अगर कोई इंसान मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहा है तो उसका बिहैवियर बाकी लोगों की तरह ही दिखता है. वह नॉर्मल हंसता है, बोलता है इसलिए बीमारी समझ नहीं आती लेकिन वह अपने मन की बात न परिवार वालों और ना ही दोस्तों को बता पाता है. अकेला रहने पर डिप्रेशन की समस्या उसे परेशान करती है.
डिप्रेशन खतरनाक क्यों है
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, सेरोटोनिन की कमी से मूड स्विंग होता रहता है. इसके कम होने पर तनाव, यौन इच्छा में कमी या नींद की समस्या हो सकती है. इस मानसिक बीमारी से सिजोफ्रेनिया का जोखिम भी हो सकता है.
डिप्रेशन के क्या-क्या लक्षण हैं
- लाइफ को लेकर निगेटिव हो जाना
- खुद को गलत मानना
- किसी चीज में मन न लगना
- थकान बढ़ना, नींद न आना
- चिंता और चिड़चिड़ापन
- भूख ज्यादा या कम लगना
- कभी-कभी सुसाइड का ख्याल आना
डिप्रेशन के मरीज ये चीजें बोलते रहते हैं
- सॉरी, मैसेज का रिप्लाई नहीं कर सका.
- मैं तो किसी काम का ही नहीं हूं.
- मुझे डर था कि कहीं तुम्हारा मूड भी न खराब कर दूं.
- मैं अपनी परेशानी किसी के सामने नहीं दिखाना चाहता.
- मेरा मिलने का मूड नहीं
- पता नहीं क्या कहूं
डिप्रेशन के मरीजों से न करें इस तरह की बातें
- डिप्रेशन मरीज के सामने परिवार या दोस्त किसी बात पर बहस न करें.
- अपने फैसलों को उस पर कभी न थोपें.
- तुम नाटक कर रहे, हम भी परेशानियों से जूझ रहे, तुम भी ठीक हो जाओगे, रोज-रोज रोना बंद करो, मैं जो कह रहा, वो करो, सब दिमाग का फितूर है जैसी बातें कभी डिप्रेशन के मरीजों से न बोलें.
डिप्रेशन के मरीज से जरूर कहें ये बातें
- खुद को अकेला मत समझो, हम सब तुम्हारे साथ हैं.
- हम सब तुम्हारी हेल्प करना चाहते हैं.
- अपने दिल की बात मुझसे कर सकते है.
- मैं तुम्हारी हर बात ध्यान से सुन रहा हूं.
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